भारतीय सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
सुप्रीम कोर्ट ने उतराखंड के कुछ हिस्सों में हाईवे पर शराब की दुकानों की इजाजत दे दी है. राज्य में उतरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पिथौरागढ़, चंपावत, बागेश्वर, नैनीताल की चार तहसील और देहरादून की कुछ तहसील हैं जहां हाईवे पर शराब की दुकानों की इजाजत दी गई है. कोर्ट ने हरिद्वार, उधम सिंह नगर और मसूरी में छूट देने से इनकार कर दिया. पिछली सुनवाई में राष्ट्रीय राजमार्गों और स्टेट हाईवे से 500 मीटर तक शराब की दुकानों पर रोक का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड राज्य सरकार से पूछा था कि 13 जिलों में से कौन से जिले पूरी तरह पहाड़ी इलाक़े हैं. एक हफ्ते के भीतर उत्तरखंड सरकार को कोर्ट में बताना था कि 13 जिलों में कितनी शराब की दुकानें थीं और उससे सरकार को कितनी आमदनी होती थी. दरअसल उत्तरखंड सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि उसे भी सिक्किम और मेघालय की तरह कोर्ट के आदेश से बाहर रखा जाए. वहीं अरुणाचल प्रदेश को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिल गई थी.
कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश को सिक्किम और मेघालय की तरह कोर्ट के आदेश से बाहर रख दिया है. जिसका मतलब है वहां राष्ट्रीय राजमार्गों और स्टेट हाईवे के 500 मीटर दूरी का कोर्ट का फैसला लागू नहीं होगा. अंडमान और निकोबार को भी सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी. उसे भी सिक्किम और मेघालय की तरह कोर्ट के आदेश से बाहर रखा गया है.
दरअसल पिछले साल 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया था कि राष्ट्रीय राजमार्गों और स्टेट हाईवे से 500 मीटर तक शराब की दुकानें नहीं होंगी. हालांकि उसमें यह भी साफ किया गया था कि जिनके पास लाइसेंस हैं वो खत्म होने तक या 31 मार्च 2017 तक जो पहले हो, तक इस तरह की दुकानें चल सकेंगी. यानी एक अप्रैल 2017 से हाईवे पर इस तरह की दुकानें नहीं होंगी.
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर फैसला सुनाया था जिसमें गुहार की गई थी कि उत्पाद कानून में संशोधन करने का निर्देश दिया जाए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हाईवे के किनारे शराब की बिक्री न हो. इस पर हर वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के किनारे शराब के ठेके बंद करने का आदेश दे.
VIDEO: हाईवे डीनोटिफाई करने पर क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश को सिक्किम और मेघालय की तरह कोर्ट के आदेश से बाहर रख दिया है. जिसका मतलब है वहां राष्ट्रीय राजमार्गों और स्टेट हाईवे के 500 मीटर दूरी का कोर्ट का फैसला लागू नहीं होगा. अंडमान और निकोबार को भी सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली थी. उसे भी सिक्किम और मेघालय की तरह कोर्ट के आदेश से बाहर रखा गया है.
दरअसल पिछले साल 15 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया था कि राष्ट्रीय राजमार्गों और स्टेट हाईवे से 500 मीटर तक शराब की दुकानें नहीं होंगी. हालांकि उसमें यह भी साफ किया गया था कि जिनके पास लाइसेंस हैं वो खत्म होने तक या 31 मार्च 2017 तक जो पहले हो, तक इस तरह की दुकानें चल सकेंगी. यानी एक अप्रैल 2017 से हाईवे पर इस तरह की दुकानें नहीं होंगी.
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर फैसला सुनाया था जिसमें गुहार की गई थी कि उत्पाद कानून में संशोधन करने का निर्देश दिया जाए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि हाईवे के किनारे शराब की बिक्री न हो. इस पर हर वर्ष सड़क दुर्घटनाओं में करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों के किनारे शराब के ठेके बंद करने का आदेश दे.
VIDEO: हाईवे डीनोटिफाई करने पर क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने
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