भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने संकट में फंसे निजी क्षेत्र के येस बैंक में निवेश की इच्छा जताई है. रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को ‘येस बैंक लि. पुनर्गठन योजना, 2020' के मसौदे में यह भी कहा है कि रणनीतिक निवेशक बैंक को येस बैंक में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी लेनी होगी. निवेशक बैंक येस बैंक में अपनी हिस्सेदारी को पूंजी डालने के दिन से तीन साल तक 26 प्रतिशत से नीचे नहीं ला सकता है. मसौदे में कहा गया है कि प्रभावी तारीख से निजी क्षेत्र के इस बैंक की अधिकृत पूंजी 5,000 करोड़ रुपये पर होगी. बैंक के शेयरों की संख्या 2,400 करोड़ रहेगी और इनका अंकित मूल्य दो रुपये प्रति शेयर होगा.
इस मसौदे पर अंशधारकों से नौ मार्च तक टिप्पणियां मांगी गई हैं. इसमें कहा गया है कि निवेशक बैंक को पुनर्गठित बैंक में इतना इक्विटी निवेश करने की जरूरत होगी, जिससे निवेश के बाद उसकी बैंक में हिस्सेदारी 49 प्रतिशत रहे. यह निवेश 10 रुपये से कम (दो रुपये के अंकित मूल्य पर) पर नहीं होगा. इसमें आठ रुपये का प्रीमियम होगा.
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रिजर्व बैंक ने कहा है कि एसबीआई ने येस बैंक में निवेश की इच्छा जताई है और वह बैंक की पुनर्गठन योजना में भागीदारी का इच्छुक है. एक दिन पहले ही रिजर्व बैंक ने येस बैंक पर तमाम अंकुश लगाते हुए बैंक के जमाकर्ताओं के लिए तीन अप्रैल तक निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की है.
रिजर्व बैंक ने बैंक के निदेशक मंडल को भी भंग कर दिया. इसके साथ ही एसबीआई के पूर्व उप प्रबंध निदेशक एवं मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है.
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