दलित नेता और बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्रीबाई फुले हुईं भाजपा से अलग, पार्टी पर लगाया यह बड़ा आरोप

बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया. सावित्रीबाई फुले कई मुद्दों को लेकर बीजेपी से नाराज चल रही थीं.

दलित नेता और बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्रीबाई फुले हुईं भाजपा से अलग, पार्टी पर लगाया यह बड़ा आरोप

बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया.

खास बातें

  • बहराइच से बीजेपी सांसद हैं सावित्रीबाई फुले
  • बीजेपी समाज में बंटवारे की साजिश कर रही है
  • फुले कई मुद्दों को लेकर बीजेपी से नाराज चल रहीं थीं
नई दिल्ली:

बहराइच से बीजेपी सांसद सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule) ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया. सावित्रीबाई फुले कई मुद्दों को लेकर बीजेपी (BJP) से नाराज चल रहीं थीं. सावित्रीबाई फुले (Savitribai Phule resigns) ने इस्तीफा देने के साथ ही बीजेपी पर एक बार फिर हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी समाज में बंटवारे की साजिश कर रही है. उन्होंने कहा, 'पुन: विहिप, भाजपा और आरएसएस से जुड़े संगठनों द्वारा अयोध्या में 1992 जैसी स्थिति पैदा कर समाज में विभाजन एवं सांप्रदायिक तनाव की स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है. इसलिए आहत होकर मैं भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रही हूं.' फुले ने कहा कि भाजपा समाज में विभाजन पैदा करने का प्रयास कर रही है. एक दिन पहले ही भगवान हनुमान के विवाद में कूदते हुए सावित्रीबाई फुले ने सीएम योगी के दावों का समर्थन किया था. उन्होंने कहा था कि हनुमान जी दलित थे. मगर एक कदम आगे बढ़कर उन्होंने यह भी कहा कि हनुमान जी मनुवादियों के गुलाम थे. 

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सावित्रीबाई फुले ने मंगलवार को कहा, ‘हनुमान दलित थे और मनुवादियों के गुलाम थे. अगर लोग कहते हैंं कि भगवान राम हैं और उनका बेड़ा पार कराने का काम हनुमान जी ने किया था. उनमें अगर शक्ति थी तो जिन लोगों ने उनका बेड़ा पार कराने का काम किया, उन्हें बंदर क्यों बना दिया? उनको तो इंसान बनाना चाहिये था लेकिन इंसान ना बनाकर उन्हें बंदर बना दिया गया. उनको पूंछ लगा दी गई, उनके मुंह पर कालिख पोत दी गयी. चूंकि वह दलित थे इसलिये उस समय भी उनका अपमान किया गया.'

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उन्होंने कहा था, ‘हम तो यह देखते हैं कि अब देश तो ना भगवान के नाम पर चलेगा और ना ही मंदिर के नाम पर. अब देश चलेगा तो भारतीय संविधान के नाम पर. हमारे देश का संविधान धर्मनिरपेक्ष है. उसमें सभी धर्मो की सुरक्षा की गारंटी है. सबको बराबर सम्मान व अधिकार है. किसी को ठेस पहुंचाने का अधिकार भी किसी को नहीं है. इसीलिये जो भी जिम्मेदार लोग बात करें भारत के संविधान के तहत करें, गैर जिम्मेदाराना बात करने से जनता को एक बार सोचने पर मजबूर करता है.

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दरअसल, कुछ दिनों पहले राजस्थान के अलवर में एक रैली को संबोधित करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि हनुमान जी दलित और वनवासी थे. इसके बाद सीएम योगी विवादों में फंस गए थे. उनके खिलाफ नोटिस भी जारी हुआ था.

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