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This Article is From Feb 20, 2019

पुलवामा हमले पर बोले सऊदी अरब के विदेश मंत्री, अगर जैश के खिलाफ हैं सबूत तो...

एनडीटीवी से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि आतंकी घटनओं में शामिल रहने वाले लोगों को न सिर्फ ब्लैकलिस्ट करने की बात करनी चाहिए बल्कि उन्हें इसके लिए सजा भी मिलनी चाहिए.

पुलवामा हमले पर बोले सऊदी अरब के विदेश मंत्री, अगर जैश के खिलाफ हैं सबूत तो...
पुलवामा हमले पर सऊदी अरब के विदेश मंत्री ने जैश पर साधा निशान
नई दिल्ली:

भारत के दौरे पर आए सऊदी अरब के विदेश मंत्री अदेल-अल-जुबेर ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ देने की बात कही. एनडीटीवी से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि आतंकी घटनओं में शामिल रहने वाले लोगों को न सिर्फ ब्लैकलिस्ट करने की बात करनी चाहिए बल्कि उन्हें इसके लिए सजा भी मिलनी चाहिए.पुलवामा हमले के संदर्भ में उन्होंने कहा कि अगर जैश-ए-मोहम्मद और उसके प्रमुख मसूद अजहर के खिलाफ सबूत हैं तो उसे संयुक्त राष्ट्र द्वारा ग्लोबल टेररिस्ट (वैश्विक आतंकवादी) घोषित किया जाना चाहिए. एनडीटीवी से खास बातचीत में जुबेर ने कहा कि अगर कोई आतंकी है या किसी ऐसे संगठनों से ताल्लुक रखता हो उस हर एक चीज को लेकर हमारी नीति स्पष्ट है.

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उन्होंने कहा कि अगर कोई आतंकियों का साथ देता है या ऐसे संगठनों को फंड देता है तो ऐसे लोगों को स्वतंत्र रूप से घूमने देना सही नहीं है. ऐसे लोगों को पकड़कर उन्हें सजा देनी चाहिए. बता दें कि जैश ए मोहम्मद ने कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी को हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे. अल-जुबैर ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो आतंकवादी है उसे चिन्हित किया जाना चाहिए. विचार यह सुनिश्चित करने का था कि कोई राजनीतिकरण नहीं हो ताकि लोग अपने राजनीतिक विरोधी का नाम लेकर उसे आतंकवादी के रूप में चिन्हित नहीं करा दें. पुलवामा हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि सऊदी अरब का मानना है कि दोनों देश तनाव कम कर सकते हैं और शांतिपूर्ण ढंग से मुद्दों को सुलझा सकते हैं.

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सऊदी के विदेश मंत्री ने कहा कि हमें आशा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव नहीं बढेगा. दोनों देशों में समझदार नेतृत्व है जिसका प्रतिनिधित्व दोनों देशों के प्रधानमंत्री कर रहे हैं. मुझे लगता है कि वे तनाव कम करने का तरीका खोज लेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या सऊदी अरब दोनों देशों के बीच मध्यस्थता करने का प्रयास करेगा, उन्होंने कहा कि हम भारत और पाकिस्तान द्वारा बुलाए बिना दोनों देशों के बीच तनाव में खुद शामिल नहीं होंगे. हमारे दोनों देशों के साथ अच्छे संबंध हैं और अगर दोनों चाहते हैं कि हम कोई भूमिका निभाएं, तो हम इस पर विचार करेंगे. विदेश मंत्री ने कहा कि कोई भी दो परमाणु शक्तियों के बीच सशस्त्र संघर्ष देखना नहीं चाहता क्योंकि इस तरह के गतिरोध से केवल आतंकवादियों को फायदा होगा.

 

 

 

 

 

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