नई दिल्ली:
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता व लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष पीए संगमा ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी उम्मीदवारी पर विभिन्न दलों से मंगलवार को समर्थन मांगा। उन्हें हालांकि अब तक ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) और बीजू जनता दल (बीजद) के अतिरिक्त किसी अन्य दल से समर्थन का आश्वासन नहीं मिला है।
एआईएडीएमके और बीजद ने 17 मई को संयुक्त रूप से संगमा का नाम राष्ट्रपति पद के लिए प्रस्तावित किया था। इस बात को दोहराते हुए कि देश में अब तक कोई जनजातीय समुदाय का व्यक्ति राष्ट्रपति नहीं बना है, संगमा ने संवाददाताओं से कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) व राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में शामिल पार्टियों सहित अन्य राजनीतिक दल जनजातीय लोगों की भावना का सम्मान करते हुए अपनी अंतरात्मा की आवाज पर कदम उठाएंगे।"
बीजद अध्यक्ष व ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक तथा एआईएडीएमके की अध्यक्ष व तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता के समर्थन पर राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने के बाद संगमा ने अन्य बड़ी पार्टियों से समर्थन हासिल करने के लिए कोशिशें शुरू कर दी हैं। इसी क्रम में उन्होंने मंगलवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेताओं सीताराम येचुरी, प्रकाश करात और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सुषमा स्वराज तथा अरुण जेटली से मुलाकात की।
संगमा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिलने की इच्छा जताई, जिनके विदेशी मूल का मुद्दा उठाकर उन्होंने 1999 में पार्टी छोड़ दी थी।
कांग्रेस, भाजपा और वाम दलों ने अभी संगमा का समर्थन नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार, तीनों पार्टियों ने इसके संकेत दिए हैं कि राष्ट्रपति पद के लिए संगमा उनकी पसंद नहीं हैं।
केंद्र सरकार में शामिल स्वयं संगमा की पार्टी राकांपा ने कहा है कि वह संप्रग की पसंद पर मुहर लगाएगी।
वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता मायावती ने इस सम्बंध में अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट करने से इनकार कर दिया। मायावती ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, "संप्रग व राजग ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. तब मैं इस पर टिप्पणी कैसे दे सकती हूं।"
इस बीच, संगमा की बेटी व ग्रामीण विकास राज्य मंत्री अगाथा संगमा ने एक समाचार चैनल से कहा कि इस सम्बंध में उन्हें
सकारात्मक उम्मीद है। एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में अगाथा ने कहा, "संप्रग एक सामूहिक निर्णय लेगा और मुझे उम्मीद है कि यह सकारात्मक होगा।"
संगमा ने मंगलवार को यहां ओडिशा के मुख्यमंत्री पटनायक से भी मुलाकात की और उसके बाद एक बयान जारी कर सभी राजनीतिक दलों का आह्वान किया कि वे एक जनजातीय नेता को राष्ट्रपति के उम्मीदवार के रूप में पेश करें।
पटनायक और जयललिता को धन्यवाद देते हुए संगमा ने कहा, "मैं खुश हूं कि पहले पटनायक जी ने मेरा नाम आगे बढ़ाया और फिर जयललिता जी ने। मैं अपनी ओर से और देश की जनजातीय आबादी की ओर से उनके प्रति आभार जताता हूं।"
एआईएडीएमके और बीजद ने 17 मई को संयुक्त रूप से संगमा का नाम राष्ट्रपति पद के लिए प्रस्तावित किया था। इस बात को दोहराते हुए कि देश में अब तक कोई जनजातीय समुदाय का व्यक्ति राष्ट्रपति नहीं बना है, संगमा ने संवाददाताओं से कहा, "हम उम्मीद करते हैं कि संप्रग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) व राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में शामिल पार्टियों सहित अन्य राजनीतिक दल जनजातीय लोगों की भावना का सम्मान करते हुए अपनी अंतरात्मा की आवाज पर कदम उठाएंगे।"
बीजद अध्यक्ष व ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक तथा एआईएडीएमके की अध्यक्ष व तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता के समर्थन पर राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल होने के बाद संगमा ने अन्य बड़ी पार्टियों से समर्थन हासिल करने के लिए कोशिशें शुरू कर दी हैं। इसी क्रम में उन्होंने मंगलवार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेताओं सीताराम येचुरी, प्रकाश करात और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता सुषमा स्वराज तथा अरुण जेटली से मुलाकात की।
संगमा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से भी मिलने की इच्छा जताई, जिनके विदेशी मूल का मुद्दा उठाकर उन्होंने 1999 में पार्टी छोड़ दी थी।
कांग्रेस, भाजपा और वाम दलों ने अभी संगमा का समर्थन नहीं किया है। सूत्रों के अनुसार, तीनों पार्टियों ने इसके संकेत दिए हैं कि राष्ट्रपति पद के लिए संगमा उनकी पसंद नहीं हैं।
केंद्र सरकार में शामिल स्वयं संगमा की पार्टी राकांपा ने कहा है कि वह संप्रग की पसंद पर मुहर लगाएगी।
वहीं, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) नेता मायावती ने इस सम्बंध में अपनी पार्टी का रुख स्पष्ट करने से इनकार कर दिया। मायावती ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा, "संप्रग व राजग ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है. तब मैं इस पर टिप्पणी कैसे दे सकती हूं।"
इस बीच, संगमा की बेटी व ग्रामीण विकास राज्य मंत्री अगाथा संगमा ने एक समाचार चैनल से कहा कि इस सम्बंध में उन्हें
सकारात्मक उम्मीद है। एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में अगाथा ने कहा, "संप्रग एक सामूहिक निर्णय लेगा और मुझे उम्मीद है कि यह सकारात्मक होगा।"
संगमा ने मंगलवार को यहां ओडिशा के मुख्यमंत्री पटनायक से भी मुलाकात की और उसके बाद एक बयान जारी कर सभी राजनीतिक दलों का आह्वान किया कि वे एक जनजातीय नेता को राष्ट्रपति के उम्मीदवार के रूप में पेश करें।
पटनायक और जयललिता को धन्यवाद देते हुए संगमा ने कहा, "मैं खुश हूं कि पहले पटनायक जी ने मेरा नाम आगे बढ़ाया और फिर जयललिता जी ने। मैं अपनी ओर से और देश की जनजातीय आबादी की ओर से उनके प्रति आभार जताता हूं।"
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