संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) की राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ मुलाकात पर सवाल उठाए हैं. संगठन का कहना है कि राजनेता सिर्फ धरनास्थल पर मंच के सामने बैठ सकते हैं. वे मंच पर नहीं जा सकते. संयुक्त किसान मोर्चा की रविवार शाम हुई बैठक पर भारतीय किसान यूनियन (दाकौंदा) के नेता बूटा सिंह ने कहा कि अगर राजनेता मंच से भाषण देंगे तो यह हमारे आदेशों का उल्लंघन होगा. नेता सिर्फ मंच के सामने लोगों के बीच बैठ सकते हैं.
संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) की यह प्रतिक्रिया ऐसे वक्त आई है, जब गाजीपुर बॉर्डर (Ghazipur Border) पर नेताओं के पहुंचने की होड़ लगी हुई है. सरकार भी कथित तौर पर इस आंदोलन को विपक्षी दलों की राजनीति से जोड़ने की कोशिश कर रही है. यही वजह है कि किसान नेताओं ने उनकी रैलियों में राजनीतिक नेताओं के आने पर पाबंदी लगाई हुई है. गाजीपुर बॉर्डर से बलपूर्वक हटाने को लेकर टिकैत के भावुक होने के बाद रालोद नेता जयंत चौधरी, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर समेत कई नेता उनसे मिल चुके हैं.
किसानों के अलावा तमाम दलों के नेता टिकैत के समर्थन में पहुंच रहे हैं. आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल, राजद नेता तेजस्वी यादव, रालोद नेता अजित सिंह, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और अन्य दलों के नेताओं ने टिकैत से फोन पर बातचीत की है. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, दिल्ली कांग्रेस नेता अल्का लांबा और हरियाणा के कांग्रेस नेता दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी गाजीपुर बॉर्डर पर आ चुके हैं. टिकैत का कहना है कि किसान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गरिमा का सम्मान करेंगे. पीएम मोदी ने शनिवार को सर्वदलीय बैठक में कहा था कि कृषि कानूनों को 18 माह तक स्थगित कर किसानों से चर्चा करने का सरकार का प्रस्ताव अभी भी बरकरार है.
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