यह ख़बर 20 सितंबर, 2012 को प्रकाशित हुई थी

सपा कब तक यूपीए का समर्थन करती रहेगी, कुछ निश्चित नहीं

खास बातें

  • सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा, आज की तारीख तक तो हम कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन हम कब तक ऐसा करते रहेंगे, यह नहीं कहा जा सकता।
नई दिल्ली:

संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) से तृणमूल कांग्रेस के समर्थन वापस ले लेने के फैसले के बाद अब समाजवादी पार्टी भी 'प्रतीक्षा करो और देखो' की नीति अपना रही है। उसने गुरुवार को कहा कि हालांकि वह अभी तक सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन कर रही है, लेकिन कह नहीं सकती कि ऐसा वह कब तक करेगी।

समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने कहा, आज की तारीख तक तो हम कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन हम कब तक ऐसा करते रहेंगे, यह नहीं कहा जा सकता। भविष्य में क्या होगा, इस बात का फैसला पार्टी नेतृत्व करेगा।

मध्यावधि चुनाव के मुद्दे पर उन्होंने कहा, मध्यावधि चुनाव तो तब भी हो सकते हैं, जब कि सरकार बहुमत में हो। कांग्रेस के दिग्विजय सिंह सरीखे नेता भी कह चुके हैं कि देश मध्यावधि चुनाव की ओर बढ़ रहा है। हम भी कुछ ही समय में (2014 के लोकसभा चुनाव के लिए) अपने उम्मीदवार तय कर उनके नामों की घोषणा कर देंगे।

यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार खुदरा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, डीजल की कीमतों में वृद्धि और सब्सिडी वाले घरेलू गैस के सिलेंडरों की संख्या सीमित किए जाने के मुद्दों पर विपक्षी दलों द्वारा आयोजित बंद के सामने झुकेगी, यादव ने कहा सरकार कई मौकों पर कह चुकी है कि वह अपनी नीतियों को आगे बढ़ाती रहेगी, लेकिन उसे कई बार अपने कदम पीछे भी खींचने पड़े हैं।

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उन्होंने यह भी कहा कि एक सहयोगी दल होने के चलते समाजवादी पार्टी को सरकार के गलत कामों का विरोध करने का अधिकार है। इस बीच, पार्टी के सूत्रों ने बताया कि मुलायम सिंह यादव की पार्टी यूपीए को समर्थन देने के मुद्दे पर आगामी 10 अक्टूबर तक अपनी रणनीति का खुलासा नहीं करेगी। उसकी धुर विरोधी बहुजन समाज पार्टी उसी दिन इस मुद्दे पर अपनी योजना का खुलासा करने वाली है।