समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क मंगलवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान अखबार पढ़ रहे थे, जिस पर पीठासीन अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने उन्हें टोका और कहा कि यहां इसकी अनुमति नहीं है. दरअसल, सदन में ‘भारतीय आयुर्विज्ञान परिषद (संशोधन) विधेयक 2019' पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस की काकोली घोष अपनी बात रख रही थीं तो पीछे की सीट पर बैठे बर्क अखबार पढ़ रहे थे. लेखी ने कहा कि ‘बर्क साहब सदन में अखबार पढ़ने की अनुमति नहीं है.' इसके बाद बर्क ने अखबार मोड़कर रख लिया और फिर सदन की कार्यवाही आगे बढ़ी.
वहीं सोमवार को लोकसभा में ‘केंद्रीय शैक्षणिक संस्था (शिक्षकों के काडर में आरक्षण) विधेयक-2019' पर चर्चा का जवाब देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जब एक सदस्य को अपनी बात रखने का मौका दिया, तब अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें टोकते हुए कहा कि ‘मंत्री जी आज्ञा देने का काम मेरा है, आपका नहीं है.' दरअसल, निशंक जब विधेयक पर चर्चा का जवाब दे रहे थे तब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले उनसे कुछ कहने के लिए खड़ी हुईं तो मंत्री यह कहते हुए बैठ गए कि ‘आप कुछ कहना चाहती हैं, कहिए.'
सुप्रिया के बात रखने के बाद बिरला ने कहा कि ‘मंत्री जी, आज्ञा देने का काम मेरा है, आपका नहीं है.' बिरला के इस कथन के बाद सदन में ठहाके सुने गए. विधेयक पारित होने के बाद उन्होंने शून्य काल शुरू करने का निर्देश दिया. उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि आगे से शून्यकाल में बोलने के लिए अपने विषय आदि को लेकर आसन के पास नहीं आए, बल्कि महासचिव वाली मेज पर अधिकारियों को दें और इस तरह से उनका संदेश आसन तक पहुंच जाएगा.
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इसके बाद भी एक सदस्य आसन के निकट पहुंच गए और इस पर अन्य सदस्यों को हंसते हुए देखा गया. बिरला ने यह भी कहा कि यह परंपरा वर्षों से रही है, इसे जाने में समय लगेगा.
(इनपुट- भाषा)
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