नई दिल्ली:
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से कोई 200 किलोमीटर दूर अचानकमार टाइगर रिज़र्व है। इसके कोर ज़ोन में घुसते ही बाघ तो नहीं दिखते, लेकिन लोगों की नाराज़गी साफ महसूस होती है। इन गांवों में लोगों को पिछले कुछ सालों से लोगों को पीडीएस यानी सरकारी वितरण प्रणाली के तहत इतना घटिया नमक मिलता रहा कि उसे खाया नहीं जा सकता।
'नमक में रेत मिली होती है। कंकड़ होते हैं' रामवीर ने कहा।
'इतनी गंदगी कि नमक खा नहीं सकते।' एक दूसरे गांव वाले ने कहा।
फिर गुस्से में एक लड़का कहता है।
'सरकार जो बोलती है कि वह हमें मुफ्त में नमक दे रही है सर वह एक धोखा है। हमारे यहां कई गांववालों ने देखा उसमें कांच मिला होता है। पिसा हुआ कांच। अगर कोई मुफ्त में ज़हर देगा तो खा लेंगे क्या?'
कुछ आगे जाते ही एक घर में रामकली से हमारी मुलाकात हुई, जिनके पास नमक का एक पैकेट है जिसकी क्वॉलिटी ठीक ठाक लगी। लेकिन रामकली ने हमें बताया कि कुछ महीने पहले तक मिलने वाले नमक में कांच पाया गया।
'जब हम उस नमक को पानी में घोलते थे तो उसमें कई चीज़ें तैरने लगती थीं। और उसमें कांच भी देखा हमने' रामकली ने हमें बताया।
इसी साल रायपुर के नागरिक आपूर्ति निगम के मुख्यालय में जब छापे पड़े तो पता चला कि चावल के साथ-साथ नमक में भारी गड़बड़ी है।
सरकार की अपनी जांच एजेंसी ( एंटी करेप्चाशन ब्यूरो ) ने ये छापे मारे और उसकी बनाई चार्जशीट कहती है कि
-नमक में भारी घोटाला हुआ है
-घटिया क्वालिटी का नमक लोगों को दिया गया
-जिसमें आयोडीन की मात्रा में भी कमी थी
-और पैकिंग में भी मानकों का पालन नहीं किया गया
इसी का नतीजा है कि रामकली जैसे लोगों के पास ज़हरीला नमक पहुंचता रहा।
हमने खुद सरकार की ओर से कुछ वक्त पहले तक दिये जा रहे अमृत नमक की पड़ताल की जिसे पानी में घोलने पर भारी गंदगी मिली।
सरकारी वितरण प्रणाली के तहत रमन सिंह सरकार पीडीएस दुकानों पर मुफ्त नमक बांटती रही है, लेकिन अभी राशन की सरकारी दुकानों से नमक गायब है। हमने दूर दराज़ के गांवों और रायपुर के आसपास के इलाकों में ढूंढा तो नमक कही नहीं मिला ..
सरकारी दुकान चला रही रोशनी साहू ने कहा कि नमक की क्वॉलिटी खराब होने की शिकायत होने के बाद हम लोगों को नमक सप्लाई बंद कर दी गई है। छत्तीसगढ़ सरकार पीडीएस के मामले में अपनी पीठ थपथपाती रही है, लेकिन अभी खुद पीडीएस मंत्री पुन्नूलाल मोहिले को खुद जवाब देते नहीं बन रहा। एनडीटीवी इंडिया से उन्होंने इतना ही कहा कि जहां गड़बड़ी है वहां कार्रवाई की जा रही है।
'नमक में रेत मिली होती है। कंकड़ होते हैं' रामवीर ने कहा।
'इतनी गंदगी कि नमक खा नहीं सकते।' एक दूसरे गांव वाले ने कहा।
फिर गुस्से में एक लड़का कहता है।
'सरकार जो बोलती है कि वह हमें मुफ्त में नमक दे रही है सर वह एक धोखा है। हमारे यहां कई गांववालों ने देखा उसमें कांच मिला होता है। पिसा हुआ कांच। अगर कोई मुफ्त में ज़हर देगा तो खा लेंगे क्या?'
कुछ आगे जाते ही एक घर में रामकली से हमारी मुलाकात हुई, जिनके पास नमक का एक पैकेट है जिसकी क्वॉलिटी ठीक ठाक लगी। लेकिन रामकली ने हमें बताया कि कुछ महीने पहले तक मिलने वाले नमक में कांच पाया गया।
'जब हम उस नमक को पानी में घोलते थे तो उसमें कई चीज़ें तैरने लगती थीं। और उसमें कांच भी देखा हमने' रामकली ने हमें बताया।
इसी साल रायपुर के नागरिक आपूर्ति निगम के मुख्यालय में जब छापे पड़े तो पता चला कि चावल के साथ-साथ नमक में भारी गड़बड़ी है।
सरकार की अपनी जांच एजेंसी ( एंटी करेप्चाशन ब्यूरो ) ने ये छापे मारे और उसकी बनाई चार्जशीट कहती है कि
-नमक में भारी घोटाला हुआ है
-घटिया क्वालिटी का नमक लोगों को दिया गया
-जिसमें आयोडीन की मात्रा में भी कमी थी
-और पैकिंग में भी मानकों का पालन नहीं किया गया
इसी का नतीजा है कि रामकली जैसे लोगों के पास ज़हरीला नमक पहुंचता रहा।
हमने खुद सरकार की ओर से कुछ वक्त पहले तक दिये जा रहे अमृत नमक की पड़ताल की जिसे पानी में घोलने पर भारी गंदगी मिली।
सरकारी वितरण प्रणाली के तहत रमन सिंह सरकार पीडीएस दुकानों पर मुफ्त नमक बांटती रही है, लेकिन अभी राशन की सरकारी दुकानों से नमक गायब है। हमने दूर दराज़ के गांवों और रायपुर के आसपास के इलाकों में ढूंढा तो नमक कही नहीं मिला ..
सरकारी दुकान चला रही रोशनी साहू ने कहा कि नमक की क्वॉलिटी खराब होने की शिकायत होने के बाद हम लोगों को नमक सप्लाई बंद कर दी गई है। छत्तीसगढ़ सरकार पीडीएस के मामले में अपनी पीठ थपथपाती रही है, लेकिन अभी खुद पीडीएस मंत्री पुन्नूलाल मोहिले को खुद जवाब देते नहीं बन रहा। एनडीटीवी इंडिया से उन्होंने इतना ही कहा कि जहां गड़बड़ी है वहां कार्रवाई की जा रही है।
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