रियो से लौटीं साक्षी मलिक का शानदार स्वागत, भावुक पिता बोले- बेटी पर गर्व है

रियो से लौटीं साक्षी मलिक का शानदार स्वागत, भावुक पिता बोले- बेटी पर गर्व है

साक्षी मलिक के सम्मान समारोह में सीएम मनोहर लाल खट्टर भी पहुंचे...

खास बातें

  • साक्षी मलिक ने रियो ओलिंपिक में भारत के लिए पहला मेडल जीता
  • दिल्ली पहुंचने पर साक्षी का जोरदार स्वागत हुआ, हरियाणा के 5 मंत्री पहुंचे
  • साक्षी ने दिल्ली एयरपोर्ट पर हुए जोरदार स्वागत के लिए धन्यवाद किया
नई दिल्ली:

रियो ओलिंपिक खेलों में भारत को पहला पदक दिलाने वाली पहलवान साक्षी मलिक के आज रियो डि जिनेरियो से यहां पहुंचने पर राज्य सरकार की ओर से उनका भव्य स्वागत किया गया.

साक्षी आज तड़के राजधानी पहुंची और सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के मंत्रियों ने उनकी आगवानी की. रियो खेलों में राज्य प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख के रूप में सूबे के खेल और युवा मामलों के मंत्री अनिल विज भी महिलाओं के 58 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कुश्ती में कांस्य पदक जीतने वाली पहलवान के साथ आए.

साक्षी इसके बाद झज्जर जिले के बहादुरगढ़ गईं जहां हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अपने मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सहयोगियों कैप्टन अभिमन्यु और ओपी धनकड़ के साथ राज्य की स्टार खिलाड़ी का स्वागत किया.

बहादुरगढ़ में आयोजित भव्य स्वागत समारोह में साक्षी को मुख्यमंत्री खट्टर ने ढाई करोड़ रुपए का चेक प्रदान किया. साक्षी को ‘बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ’ कार्यक्रम के लिए हरियाणा का ब्रांड एम्बैसेडर भी नियुक्त किया गया.

खट्टर ने कहा, ‘‘यह हमारे लिए गर्व की बात है कि देश की बेटियों ने इतना अच्छा प्रदर्शन किया. हमारी दो बेटियों साक्षी मलिक और पीवी सिंधु (रियो खेलों में महिला एकल बैडमिंटन में रजत पदक जीतने वाली) ने देश का गौरव बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि एक बार फिर हरियाणा के खिलाड़ियों ने देश और राज्य का सिर गर्व से ऊंचा किया है.

खट्टर ने साक्षी के परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में कहा, हमारी सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है. साक्षी ने सभी को गौरवांवित किया है, जिसमें उनके देश, उनके राज्य के अलावा उनके कोच, उनका गृह नगर रोहतक और उनका परिवार शामिल है. मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे में काम करने वाली साक्षी को जल्द ही पदोन्नति दी जाएगी.

खट्टर ने कहा, हमने उन्हें हरियाणा सरकार में क्लास दो की नौकरी की पेशकश की है. उसने कहा कि वह इसके बारे में सोचेगी और फिर फैसला करेगी. इस मौके पर साक्षी ने समर्थन के लिए सभी का आभार जताया.

उन्होंने कहा, मैं चाहती हूं कि भविष्य में सभी मेरा समर्थन करें, जिससे कि मैं देश के लिए और पदक जीत सकूं. ‘बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ’ की सराहना करते हुए साक्षी ने कहा, अब हमने इसमें बेटी खिलाओ भी जोड़ दिया है. इस 23 वर्षीय खिलाड़ी को बहादुरगढ़ में पारंपरिक पगड़ी देकर सम्मानित किया गया. रियो खेलों में भारत के पदकों का खाता खोलने वाली साक्षी कई पड़ावों से होती हुई अपने गांव मोखरा पहुंचेंगी. खट्टर ने साथ ही साक्षी के गांव मोखरा खास में खेल नर्सरी और स्टेडियम में निर्माण की भी घोषणा की.

उन्होंने कहा, ‘‘राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं. भविष्य में हम खेलों को बढ़ावा देने के लिए गांव और ब्लाक स्तर पर 1000 कोचों की नियुक्तियां करने वाले हैं.’’

रियो ओलिंपिक में हिस्सा लेने वाले हरियाणा के सभी खिलाड़ियों को 15-15 लाख रुपए भी दिए जाएंगे. खट्टर ने कहा कि हरियाणा सरकार ने ओलिंपिक स्वर्ण पदक विजेता को छह करोड़ रुपए देने का फैसला किया था, जो दुनिया के सर्वाधिक इनामी राशि है.

साक्षी के पिता सुखबीर मलिक जब हवाई अड्डे पर अपनी बेटी से मिले और उसके गले में पदक देखा तो काफी भावुक हो गए. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उसकी उपलब्धियों पर गर्व है. मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश को उस पर गर्व है. उसने अपने देश और राज्य को गौरवांवित किया है. उसका पदक भारत का पदक है.’’ सुखबीर ने बताया कि लोगों ने उनसे कहा था कि कुश्ती लड़कियों का खेल नहीं है.

उन्होंने कहा, ‘‘कभी-कभी कुछ लोग मुझसे कहते थे कि वह लड़की है और यह (कुश्ती) उसके लिए अच्छी नहीं है, लेकिन 2010 में जब मेरी बेटी ने रूस में एक प्रतियोगिता में पदक जीता और फिर एशियाई चैम्पियनशिप और राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीता तो सभी साक्षी की तरह बनना चाहते थे और उसने जो किया उसे दोहराना चाहते थे.’’

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)


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