विज्ञापन
This Article is From May 26, 2017

सेल स्टील में छिपा है देश के सबसे लंबे पुल का भरोसा...

ब्रह्मपुत्र के ऊपर देश का अब तक का सबसे लंबा पुल बनाने में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है.

सेल स्टील में छिपा है देश के सबसे लंबे पुल का भरोसा...
ब्रह्मपुत्र पर बना देश का अब तक का सबसे लंबा पुल 9.15 किलोमीटर लंबा है
 ब्रह्मपुत्र के ऊपर देश का अब तक का सबसे लंबा पुल बनाना आसान काम नहीं था. इसके लिए गहन विचार-विश्लेषण और योजना की जरूरत होती है. इससे भी ज्यादा आवश्यक था किसी ऐसी मजबूत सामग्री का चयन जो हर पल मचलती ब्रह्मपुत्र (यहां लोहित के नाम से) को सालों-साल बांधे रख सके. वैसे भी पूर्वोत्तर का इलाका आने वाले भूकंप के लिए कुख्यात है और इसे सबसे खतरनाक जोन में रखा गया है. इसलिए मजबूती का मुद्दा और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. इस शक्तिशाली पुल के ख्वाब को अंजाम तक पहुंचाने में स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (सेल) ने महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाई है.
   
सेल, असम के लोहित नदी पर बने देश के सबसे लंबे पुल "ढोला-सदीया" के निर्माण में इस्तेमाल किए गए स्टील का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है. सेल ने इस पुल के लिए लगभग 90% या लगभग 30,000 टन इस्पात की आपूर्ति की है, जिसमें टीएमटी, स्ट्रक्चरल और प्लेट्स शामिल हैं. यह पुल असम और अरुणाचल प्रदेश जैसे दो महत्वपूर्ण राज्यों को जोड़ेगा. इस प्रतिष्ठित परियोजना के लिए कंपनी चयन का एक प्रमुख आधार सेल द्वारा प्रस्तुत किया गया उत्पाद-मिश्र (प्रोडक्ट-मिक्स) था. इस 9.15 किलोमीटर लंबे पुल का निर्माण सार्वजनिक-निजी साझेदारी के तहत 2011 में शुरू किया गया. यह पुल मुंबई के बांद्रा वर्ली सी लिंक से 3.55 किलोमीटर लंबा है.

सेल देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र की कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए इस्पात की आपूर्ति कर रहा है. ढोला-सदीया पुल के अलावा, सेल इस्पात का उपयोग बोगिबेल रेल-सह-सड़क पुल, एनटीपीसी की 750 मेगावाट की बिजली परियोजना एवं 600 मेगावाट की कमेंग जलविद्युत परियोजना समेत कई बिजली संयंत्र, ट्रांस अरुणाचल हाइवे इत्यादि में भी किया गया है. ये सभी परियोजनाएं इस क्षेत्र के अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं. सेल ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में अपना विस्तार करने और बाज़ार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए कुछ विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान की है. इसके साथ ही अपने विपणन को बढ़ाने के लिए सुनियोजित रणनीति लागू की है. पूर्वोत्तर के दूरदराज के इलाकों में इस्पात की आपूर्ति करने के लिए, क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों की इस्पात खपत की उच्च क्षमता का उपयोग करने, सरकार का पूर्वोत्तर को देश के साथ जोड़ने की नीति पर ज़ोर की संभावनाएं समेत सभी प्रमुख रूप से कंपनी की प्राथमिकता सूची में हैं. हाल ही में सेल ने इस क्षेत्र में विपणन के लिए एक महाप्रबंधक नियुक्त किया है.

राष्ट्रीय महत्व और गुणवत्ता की ऐसे परियोजनाओं का हिस्सा बनना सेल स्टील पर राष्ट्र के विश्वास का प्रमाण है. जैसा कि सेल अपनी शेष आधुनिकीकरण परियोजनाओं को लगभग पूरा करने की ओर है, इससे ऐसी परियोजनाओं के लिए और बेहतर और अधिक मूल्य-वर्धित इस्पात पेश करने की स्थिति में है. इस आधुनिकीकरण के पूरा होने के बाद सेल के विक्रय इस्पात में मूल्य-वर्धित इस्पात उत्पादन का 50 प्रतिशत भाग होगा. सेल अपने विज्ञापनों में अक्सर एक लाइन का इस्तेमाल करता है 'इस्पात भी हम बनाते हैं', जो कहीं न कहीं सेल के मानवीय चेहरे को प्रदर्शित करती है .

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
हरियाणा विधानसभा चुनाव : कांग्रेस और AAP के बीच गठबंधन से पहले ही नेताओं के बगावती हुए तेवर, भारती ने दिया बड़ा बयान
सेल स्टील में छिपा है देश के सबसे लंबे पुल का भरोसा...
'हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों की 5 को सैलरी, 10 को पेंशन' - विधानसभा में सीएम सुक्खू का ऐलान
Next Article
'हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों की 5 को सैलरी, 10 को पेंशन' - विधानसभा में सीएम सुक्खू का ऐलान
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com