Russia-Ukraine War ने ऐसे लगाई गेहूं से लेकर कोयले तक में आग, बिगड़ा ग्लोबल सप्लाई चेन का हाल

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का असर ग्लोबल सप्लाई चेन पर भी दिख रहा है. कई कमोडिटी यानी वस्तुएं के दाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आसमान छू रहे हैं.

Russia-Ukraine War ने ऐसे लगाई गेहूं से लेकर कोयले तक में आग, बिगड़ा ग्लोबल सप्लाई चेन का हाल

Russia- Ukraine War का ग्लोबल सप्लाई चेन पर बुरा असर (प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली:

यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध का असर ग्लोबल सप्लाई चेन पर भी दिखने लगा है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई चीजों के दाम में तेजी आई है. यूक्रेन पर रूसी हमले और उसके बदले में रूस पर लगाए गए अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान पैदा हुआ है, जिससे क्रूड ऑयल समेत कमोडिटी मार्केट में कई कमोडिटिज (जिंसों) के दाम में इजाफा हुआ है.

गेहूं
वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक वैश्विक बाजार में गेहूं के दाम रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए हैं. फिलहाल वैश्विक स्तर पर गेहूं का भाव 11.34 डॉलर प्रति बुशल चल रहा है. यह 2008 के बाद अब तक सबसे ऊंचा स्तर है. एक बुशल 25.4 किलो के बराबर होता है. 

अमेरिकी कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में दुनियाभर में कुल गेहूं निर्यात में रूस और यूक्रेन की हिस्सेदारी कुल मिलाकर 29% रहने का अनुमान है. 

रूसी आक्रमण से यूक्रेन में गेहूं की फसलों को नुकसान पहुंचा है तथा प्रतिबंधों और आपूर्ति श्रृंखला से जुड़े व्यवधानों के कारण रूस और यूक्रेन दोनों जगहों से गेहूं के शिपमेंट बुरा तरह प्रभावित हुआ है. 

एल्युमिनियम और निकेल
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि लंदन मेटल एक्सचेंज में गुरुवार को एल्युमीनियम की कीमत 3691.50 डॉलर प्रति टन के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई. रूस दुनिया के एल्युमीनियम स्टॉक का लगभग 6% उत्पादन करता है.

लंदन मेटल एक्सचेंज में निकेल के दाम भी पिछले दस सालों के उच्चतम स्तर 27,470 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गए हैं. रूस दुनिया के निकेल स्टॉक का लगभग 7% उत्पादन करता है.

अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण रूस से कार्गो शिपमेंट को रोक दिया गया है. जिससे चलते दामों में तेजी दिख रही है. 

कोयला
ऑस्ट्रेलिया के न्यूकैसल कोल फ्यूचर्स पर इस सप्ताह कोयले का वैश्विक भाव 440 डॉलर प्रति टन पर पहुंच गया. रूस दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कोयला विक्रेता है.

रूस-यूक्रेन संकट से घरेलू इस्पात 5 हजार रुपये प्रति टन तक महंगा
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, घरेलू इस्पात विनिर्माताओं ने हॉट रोल्ड कॉयल (एचआरसी) और टीएमटी सरिये का दाम पांच हजार रुपये प्रति टन तक बढ़ा दिया है. यूक्रेन संकट के कारण आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने से घरेलू निर्माताओं ने इस्पात के दाम बढ़ाये हैं. उद्योग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ दिनों में इस्पात की कीमतों में वृद्धि की गई है और आने वाले हफ्तों में रूस-यूक्रेन के बीच सैन्य संघर्ष गहराने के साथ इसकी कीमत में और वृद्धि होने के आसार है.

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