प्रतीकात्मक तस्वीर...
नई दिल्ली:
रूस ने भारत में नोटबंदी को लेकर राजनयिक स्तर पर सख्त विरोध जताते हुए 'काउंटर स्टेप' उठाने की चेतावनी दी है. रूस का कहना है कि इस नोटबंदी की वजह से दिल्ली में उसके राजनयिकों को नकदी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. दिल्ली स्थित रूसी दूतावास में करीब 200 लोग काम करते हैं.
रूसी सरकार से जुड़े सूत्रों ने 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद से दूतावास द्वारा हफ्ते भर में अधिकतम 50,000 रुपये की निकासी सीमा तय किए जाने को 'अंतरराष्ट्रीय चार्टर का उल्लंघन' करार दिया. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि उसके दूत एलेक्जेंडर कदाकिन ने 2 दिसंबर को भारतीय विदेश मंत्रालय को चिट्ठी लिखी थी और उस पर जवाब का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने साथ ही यह भी बताया कि रूसी सरकार नोटबंदी पर विरोध जताने के लिए भारतीय राजदूत को तलब कर सकती है.
(नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर असर - सब कुछ पढ़ें एक साथ)
कदाकिन ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि सरकार द्वारा तय की गई यह सीमा दूतावास संचालन के खर्चों के लिए पूरी तरह नाकाफी है. उन्होंने कहा कि यह पैसे तो 'एक ठीकठाक से डिनर का बिल चुकाने के लिए भी काफी भी नहीं'. रूसी राजदूत ने साथ ही सवाल किया, 'दिल्ली में इतना बड़ा दूतावास नकदी के बिना कैसे काम कर सकता है?' दिल्ली स्थित रूसी दूतावास में करीब 200 लोग काम करते हैं.
(टोल प्लाजा पर 15 दिसंबर तक चलेंगे 500 के पुराने नोट)
वित्त मंत्रालय ने रूस सरकार के इस ऐतराज पर आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि वे नोटबंदी के बाद दूतावास एवं विदेशी नागरिकों व पर्यटकों को पेश आ रही दिक्कतों के हल के लिए गठित अंतरमंत्रालयी कार्यबल की सिफारिशों का इंतजार कर रहे हैं.
(RBI जल्द ला रहा है 20 और 50 रुपये के नए नोट)
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोटों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की घोषणा की थी, जिससे सर्कुलेशन में मौजूद करीब 86 फीसदी नकद चलन से बाहर हो गए थे और देश भर में लोगों को नकदी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार ने नकदी वितरण को सुचारू रखने के लिए बैंकों एवं एटीएम से नकद निकासी पर सीमा लगा रखी है.
रूसी सरकार से जुड़े सूत्रों ने 8 नवंबर को नोटबंदी के बाद से दूतावास द्वारा हफ्ते भर में अधिकतम 50,000 रुपये की निकासी सीमा तय किए जाने को 'अंतरराष्ट्रीय चार्टर का उल्लंघन' करार दिया. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि उसके दूत एलेक्जेंडर कदाकिन ने 2 दिसंबर को भारतीय विदेश मंत्रालय को चिट्ठी लिखी थी और उस पर जवाब का इंतजार कर रहे हैं. उन्होंने साथ ही यह भी बताया कि रूसी सरकार नोटबंदी पर विरोध जताने के लिए भारतीय राजदूत को तलब कर सकती है.
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कदाकिन ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि सरकार द्वारा तय की गई यह सीमा दूतावास संचालन के खर्चों के लिए पूरी तरह नाकाफी है. उन्होंने कहा कि यह पैसे तो 'एक ठीकठाक से डिनर का बिल चुकाने के लिए भी काफी भी नहीं'. रूसी राजदूत ने साथ ही सवाल किया, 'दिल्ली में इतना बड़ा दूतावास नकदी के बिना कैसे काम कर सकता है?' दिल्ली स्थित रूसी दूतावास में करीब 200 लोग काम करते हैं.
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वित्त मंत्रालय ने रूस सरकार के इस ऐतराज पर आधिकारिक रूप से कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि वे नोटबंदी के बाद दूतावास एवं विदेशी नागरिकों व पर्यटकों को पेश आ रही दिक्कतों के हल के लिए गठित अंतरमंत्रालयी कार्यबल की सिफारिशों का इंतजार कर रहे हैं.
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गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोटों के इस्तेमाल पर रोक लगाने की घोषणा की थी, जिससे सर्कुलेशन में मौजूद करीब 86 फीसदी नकद चलन से बाहर हो गए थे और देश भर में लोगों को नकदी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सरकार ने नकदी वितरण को सुचारू रखने के लिए बैंकों एवं एटीएम से नकद निकासी पर सीमा लगा रखी है.
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