
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
सरकार ने सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम में संशोधन करने से संबंधित एक विधेयक सोमवार को लोकसभा में पेश किया। इस संशोधन के जरिए राजनीतिक दल आरटीआई अधिनियम के दायरे से बाहर हो जाएंगे।
यह मुद्दा तब से सुर्खियों में है, जब केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने तीन जून को आदेश दिया कि छह राजनीतिक दल आरटीआई अधिनियम के दायरे में होंगे, क्योंकि वे सार्वजनिक प्राधिकरण हैं, और सरकार से पर्याप्त मात्रा में फंड प्राप्त करते हैं।
सरकार को इस विधेयक को पारित कराने में कोई कठिनाई नहीं होगी, क्योंकि अधिकांश पार्टियां सीआईसी के इस आदेश के खिलाफ हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दो अगस्त को ही संशोधनों को मंजूरी दे दी थी।
संशोधनों का बचाव करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री कपिल सिब्बल ने उस समय कहा था कि यदि सीआईसी के आदेश का क्रियान्वयन हुआ तो कोई भी राजनीतिक दल काम नहीं कर पाएगा।