फाइल फोटो
नई दिल्ली:
धर्म आधारित जनगणना में मुसलमानों की संख्या हिंदुओं की संख्या की तुलना में तेजी से बढ़ने की बात सामने आने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने शुक्रवार को कहा कि वह जनसंख्या नियंत्रण के लिए शिक्षा के माध्यम से राजी करने की नीति अपनाएगी और उसने कुरान का हवाला देकर कहा कि यह उन लोगों के लिए छोटे परिवारों की वकालत करता है, जो बड़े परिवारों का भरण-पोषण नहीं कर सकते।
आरएसएस ने यह भी कहा कि वह वर्तमान आरक्षण नीति के पक्ष में है, लेकिन उसने इस बात पर बल दिया कि यह धर्म आधारित नहीं होना चाहिए क्योंकि यह संविधान की भावना के खिलाफ है। संघ ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे को धर्म तटस्थ बनाया जाना चाहिए और उसके आनुषांगिक संगठन मुसलमान समेत विभिन्न समुदायों को छोटे परिवारों के लिए राजी करेंगे।
आरएसएस की दिल्ली इकाई के संयुक्त प्रमुख आलोक कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि हम शिक्षा के माध्यम से राजी करना चाहते हैं। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के हमारे सदस्यों ने कुरान का अध्ययन किया है और उन्हें उसमें ऐसे उदाहरण मिले हैं, जिनमें कहा गया है कि यदि आप अपने परिवार का भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं, तो उसका आकार छोटा किया जाना चाहिए और उसको उस सीमा तक रखनी चाहिए जिसक आप भरण-पोषण कर सकते हैं।
कुमार ने कहा कि हम महसूस करते हैं कि यह विवेकपूर्ण सलाह है। यह सही सलाह है। यह समाज के हर वर्ग के लिए सही सलाह है। राजी करने के अलावा और कोई नीति नहीं है। हम आपातकाल के दिनों की पुनरावृति नहीं करना चाहते जब ऐसी चीजें जोर-जबर्दस्ती की गई थीं। राजी करना इस काम को करने के लिए सही तरीका है। आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि उसका लक्ष्य ऐसे समुदायों एवं वर्गों को ऊपर उठाना था जो कमजोर हैं।
उन्होंने कहा कि हम वर्तमान आरक्षण के पक्ष में हैं, लेकिन हम नहीं समझते कि आरक्षण धर्म आधारित होना चाहिए और इसे संविधान सम्मत नहीं मानते। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नीति धर्म तटस्थ होनी चाहिए, लेकिन असंतुलन पर अंकुश पाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
कुमार ने कहा कि मैं सहमत हूं कि जनसंख्या नीति धर्म तटस्थ होना चाहिए, लेकिन जहां इसे स्वीकार नहीं किया गया है। हम महसूस करते हैं कि वहां राजी करने या मनाने का प्रयास तेज होना चाहिए। मैं इस बात पर एक बार बल देकर कहता हूं कि हमने धर्म तटस्थ नीति पर कोई प्रश्न नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि हम महसूस करते हैं कि समाज के हर वर्ग खासकर कम आय वालों को यह समझाने की जरूरत है कि छोटा परिवार उनकी भलाई के लिए ही है।
उन्होंने कहा कि संघ इस पर काम करेगा और उम्मीद जताई कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण और असंतुलन दूर कनने के लिए प्रभावी कदम उठाने की उसकी मांग पर सहमत होगी। अल्पसंख्यकों के विषय पर कुमार ने कहा कि आरएसएस का दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट है, क्योंकि वह महसूस करता है कि देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार मिले। उन्होंने कहा कि हाल ही में रांची में तीन दिवसीय बैठक में आरएसएस ने जनसंख्या नियंत्रण और कुछ वर्गों की संख्या में वृद्धि से उत्पन्न असंतुलन दूर करने का आह्वान किया था।
आरएसएस ने यह भी कहा कि वह वर्तमान आरक्षण नीति के पक्ष में है, लेकिन उसने इस बात पर बल दिया कि यह धर्म आधारित नहीं होना चाहिए क्योंकि यह संविधान की भावना के खिलाफ है। संघ ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के मुद्दे को धर्म तटस्थ बनाया जाना चाहिए और उसके आनुषांगिक संगठन मुसलमान समेत विभिन्न समुदायों को छोटे परिवारों के लिए राजी करेंगे।
आरएसएस की दिल्ली इकाई के संयुक्त प्रमुख आलोक कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि हम शिक्षा के माध्यम से राजी करना चाहते हैं। राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के हमारे सदस्यों ने कुरान का अध्ययन किया है और उन्हें उसमें ऐसे उदाहरण मिले हैं, जिनमें कहा गया है कि यदि आप अपने परिवार का भरण-पोषण करने में असमर्थ हैं, तो उसका आकार छोटा किया जाना चाहिए और उसको उस सीमा तक रखनी चाहिए जिसक आप भरण-पोषण कर सकते हैं।
कुमार ने कहा कि हम महसूस करते हैं कि यह विवेकपूर्ण सलाह है। यह सही सलाह है। यह समाज के हर वर्ग के लिए सही सलाह है। राजी करने के अलावा और कोई नीति नहीं है। हम आपातकाल के दिनों की पुनरावृति नहीं करना चाहते जब ऐसी चीजें जोर-जबर्दस्ती की गई थीं। राजी करना इस काम को करने के लिए सही तरीका है। आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि उसका लक्ष्य ऐसे समुदायों एवं वर्गों को ऊपर उठाना था जो कमजोर हैं।
उन्होंने कहा कि हम वर्तमान आरक्षण के पक्ष में हैं, लेकिन हम नहीं समझते कि आरक्षण धर्म आधारित होना चाहिए और इसे संविधान सम्मत नहीं मानते। उन्होंने कहा कि जनसंख्या नीति धर्म तटस्थ होनी चाहिए, लेकिन असंतुलन पर अंकुश पाने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।
कुमार ने कहा कि मैं सहमत हूं कि जनसंख्या नीति धर्म तटस्थ होना चाहिए, लेकिन जहां इसे स्वीकार नहीं किया गया है। हम महसूस करते हैं कि वहां राजी करने या मनाने का प्रयास तेज होना चाहिए। मैं इस बात पर एक बार बल देकर कहता हूं कि हमने धर्म तटस्थ नीति पर कोई प्रश्न नहीं उठाया। उन्होंने कहा कि हम महसूस करते हैं कि समाज के हर वर्ग खासकर कम आय वालों को यह समझाने की जरूरत है कि छोटा परिवार उनकी भलाई के लिए ही है।
उन्होंने कहा कि संघ इस पर काम करेगा और उम्मीद जताई कि सरकार जनसंख्या नियंत्रण और असंतुलन दूर कनने के लिए प्रभावी कदम उठाने की उसकी मांग पर सहमत होगी। अल्पसंख्यकों के विषय पर कुमार ने कहा कि आरएसएस का दृष्टिकोण बहुत स्पष्ट है, क्योंकि वह महसूस करता है कि देश के सभी नागरिकों को समान अधिकार मिले। उन्होंने कहा कि हाल ही में रांची में तीन दिवसीय बैठक में आरएसएस ने जनसंख्या नियंत्रण और कुछ वर्गों की संख्या में वृद्धि से उत्पन्न असंतुलन दूर करने का आह्वान किया था।
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