नई दिल्ली:
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा है कि अगले लोकसभा चुनाव में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार नहीं बनाए जाने की बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मांग बीजेपी को अलग-थलग करने और संघ को बचाव की मुद्रा में लाने का विश्वासघाती प्रयास है।
बीजेपी को 2014 में अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने की सलाह देते हुए कहा गया है कि उसे 'सेक्युलर' व्यक्ति को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की नीतीश की भ्रामक बात पर ध्यान दिए बिना मोदी जैसे नेता और विकास के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित रखते हुए किसी भी कीमत पर इसे 'धमनिरपेक्षता बनाम साम्प्रदायिकता की अराजक बहस' में नहीं बदलने देना चाहिए।
संघ के अंग्रेजी और हिन्दी के मुखपत्रों 'ऑर्गेनाइजर' तथा 'पाञ्चजन्य' के ताजा अंकों में पार्टी को यह हिदायत दी गई। 'ऑर्गेनाइजर' में कहा गया है कि मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की स्थिति में अगर ऐसे सहयोगी (जेडीयू) अलग होना चाहते हैं, तो बीजेपी को अपने बूते पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। ऐसे में कोई नुकसान होने वाला नहीं है। अगर होता है तो भी आत्मा खोने से बेहतर है, चुनाव में अस्थायी हार का सामना करना।
इसमें कहा गया है कि जैसे-जैसे 2014 के चुनाव पास आते जाएंगे, कांग्रेस और अन्य दलों का मोदी विरोधी अभियान तेज होता जाएगा। इससे विचलित नहीं होने की बीजेपी को सलाह देते हुए कहा गया है, "मोदी को निशाना बनाने से हिन्दू वोट बीजेपी के पक्ष में संगठित होगा और इस वोट को अपने पक्ष में करने के लिए बीजेपी को अलग से कोई प्रयास नहीं करना पड़ेगा।"
बीजेपी को 2014 में अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहने की सलाह देते हुए कहा गया है कि उसे 'सेक्युलर' व्यक्ति को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की नीतीश की भ्रामक बात पर ध्यान दिए बिना मोदी जैसे नेता और विकास के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित रखते हुए किसी भी कीमत पर इसे 'धमनिरपेक्षता बनाम साम्प्रदायिकता की अराजक बहस' में नहीं बदलने देना चाहिए।
संघ के अंग्रेजी और हिन्दी के मुखपत्रों 'ऑर्गेनाइजर' तथा 'पाञ्चजन्य' के ताजा अंकों में पार्टी को यह हिदायत दी गई। 'ऑर्गेनाइजर' में कहा गया है कि मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की स्थिति में अगर ऐसे सहयोगी (जेडीयू) अलग होना चाहते हैं, तो बीजेपी को अपने बूते पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार रहना चाहिए। ऐसे में कोई नुकसान होने वाला नहीं है। अगर होता है तो भी आत्मा खोने से बेहतर है, चुनाव में अस्थायी हार का सामना करना।
इसमें कहा गया है कि जैसे-जैसे 2014 के चुनाव पास आते जाएंगे, कांग्रेस और अन्य दलों का मोदी विरोधी अभियान तेज होता जाएगा। इससे विचलित नहीं होने की बीजेपी को सलाह देते हुए कहा गया है, "मोदी को निशाना बनाने से हिन्दू वोट बीजेपी के पक्ष में संगठित होगा और इस वोट को अपने पक्ष में करने के लिए बीजेपी को अलग से कोई प्रयास नहीं करना पड़ेगा।"
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