नई दिल्ली:
अन्ना हज़ारे ने उनके आंदोलन के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े होने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके विरोधी कल को उनके रिश्ते पाकिस्तान से बताने से भी गुरेज नहीं करेंगे। हज़ारे पक्ष ने लोकपाल विधेयक पर गौर कर रही अभिषेक सिंघवी की अध्यक्षता वाली संसद की स्थायी समिति और उसके सदस्यों पर भी सवाल उठाए। अपने अनशन के पांचवें दिन रामलीला मैदान पर जब हज़ारे से उनके आंदोलन को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से समर्थन प्राप्त होने के आरोपों के बारे में पूछा गया तो गांधीवादी कार्यकर्ता ने कहा, जो लोग हमारे आंदोलन को भाजपा या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का आंदोलन कह रहे हैं, उन्हें पागलखाने में भेज देना चाहिए। उन्होंने हमारा नाम अमेरिका से भी जोड़ा। कल को वे यह तक कह देंगे कि हमारे आंदोलन में पाकिस्तान का हाथ है। उधर, हज़ारे के करीबी साथी अरविंद केजरीवाल और किरण बेदी ने संसद की स्थायी समिति और उसके सदस्यों को जाहिरा तौर पर आड़े हाथ लिया। केजरीवाल ने कहा, स्थायी समिति के समक्ष अपने विचार रखने के दौरान हमने अनुरोध किया था कि वह विधेयक को खारिज कर वापस भेज दे। इस स्थायी समिति में लालू यादव और अमर सिंह जैसे लोग हैं। क्या वे हमारे देश को सशक्त कानून दे पाएंगे? आरटीआई कार्यकर्ता ने कहा, स्थायी समिति ने विज्ञापन प्रकाशित कर जनता और संगठनों से सुझाव मांगे हैं। लेकिन विज्ञापन में उसने हमारे जनलोकपाल विधेयक का जिक्र नहीं किया है। क्या विचार-विमर्श की यह कवायद दिखावाभर नहीं रह जाएगी।
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अन्ना हज़ारे, संघ