नोटबंदी के बाद से देशभर में बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी कतारें देखी जा रही हैं (फाइल फोटो)
खास बातें
- 'कालाधन रोकने के लिए नोटबंदी बेहद जरूरी'
- 'सरकार ने रिजर्व बैंक की सिफारिश पर ही फैसला किया'
- 'इस मामले पर विपक्ष को राजनीति नहीं करनी चाहिए'
नई दिल्ली: नोटबंदी के मुद्दे पर विपक्षी नेताओं के आरोपों के जवाब में केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस पहल की वजह से देश पारदर्शिता की तरफ बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि काला धन रोकने के लिए नोटबंदी बेहद जरूरी है. इस मामले पर विपक्षी नेताओं को राजनीति नहीं करनी चाहिए.
रविशंकर प्रसाद ने उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स के एक कार्यक्रम में कहा, 'यह नोटबंदी नहीं है. यह गलत धारणा है. हमारी सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक की सिफारिश पर ही फैसला किया. रिजर्व बैंक को ही यह फैसला करने का अधिकार है कि 500 और 1000 रुपये के मौजूदा नोट वैध नहीं होंगे. निवल आर्थिक लिहाज से सोचें तो यह विमुद्रीकरण नहीं है.'
उल्लेखनीय है कि सरकार ने 8 नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की, जिसके तहत 500 और 1000 रुपये के मौजूदा नोटों का चलन बंद कर दिया गया. इस अवसर पर रविशंकर प्रसाद ने कालेधन की समस्या से निपटने के लिए एनडीए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को भी रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की पहली ही बैठक में कालेधन पर एसआईटी गठित करने का फैसला किया.
वहीं बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने शनिवार को एक बार फिर नोटबंदी को लेकर सरकार की मंशा पर कई सवाल उठाए. मायावती ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने नोटबंदी की घोषणा से पहले ही अपने कालेधन को ठिकाना लगा लिया. मायावती ने दावा किया कि मोदी सरकार ने शत-प्रतिशत यह कदम जल्दबाजी में उठाया है और यह भाजपा के राजनीतिक हितों को ध्यान में रखते हुए किया गया है.
बसपा प्रमुख ने कहा, अब अपने गलत फैसले को सही साबित करने के लिए प्रधानमंत्री भावुक हो रहे हैं और आंसू बहा रहे हैं. यह ब्लैकमेल नहीं है तो और क्या है. उन्होंने दावा किया कि इस प्रकार का आर्थिक आपातकाल निंदनीय है.