
मरीजों से मनमानी फीस वसूलने और अर्थिक लाभ के लिए गैरजरूरी पैथोलोजिकल सहित अन्य जांच कराने वाले डॉक्टरों को 'जल्लाद' और 'नरपिशाच' की संज्ञा देते हुए आरजेडी सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने बिहार सरकार से इसके लिए मानक तय करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं होने पर वह इसके विरुद्ध आगामी 13 अक्तूबर से सहरसा जिले से राज्यव्यापी आंदोलन छेडेंगे।
पप्पू ने कहा 10 से 15 प्रतिशत डॉक्टर ईमानदारी से अपना काम करते हैं। उनको छोड़कर प्रदेश में बाकी सभी चिकित्सक 'जल्लाद' और 'नरपिशाच' हैं जो कि मरीजों से मनमानी फीस वसूलने के साथ आर्थिक लाभ (कमीशन) के लालच में पैथोलोजिकल सहित अन्य गैरजरूरी जांच करवाते हैं और लाभ पहुंचाने वाली कंपनियों की मंहगी दवाएं लिखते हैं।
उन्होंने ऐसे डॉक्टरों को भ्रष्ट और दवा कंपनियों और पैथालोजिकल और अन्य जांच करने वाली प्रयोगशालाओं का बिचौलिया बताते हुए आरोप लगाया कि वे मरीजों के पेट को चीरने के बाद पैसा बनाने के फिराक में लगे रहते हैं।
आरजेडी सांसद पप्पू यादव ने बिहार सरकार से सरकारी अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों के निजी प्रैक्टिस पर रोक लगाए जाने, प्रदेश में नर्सिंग होम एक्ट को लागू किए जाने तथा निजी प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सक मरीजों से मनमानी फीस और अनावश्यक जांच नहीं लिखे उसके लिए मानक निर्धारित करने की मांग की है।
एमबीबीएस डाक्टर द्वारा मरीज से फीस के तौर 110-150 रुपये तथा एमडी डाक्टरों द्वारा 300 रुपये लिए जाने की वकालत करने वाले पप्पू का इंडियन मेडिकल एसोसियेशन (आईएमए) द्वारा विरोध जताने पर आरजेडी सांसद ने आईएमए को जन विरोधी बताया।
वहीं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी द्वारा पप्पू के अभियान को गलत ठहराने पर राजद सांसद ने कहा कि जो भी जनप्रतिनिधि उनके अभियान को गलत ठहरा रहे हैं तो वे खुद सरकार और चिकित्सकों के साथ मिलकर बैठककर एक मानक निर्धारित कर दें।
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