
उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी के जनता परिवार में विलय के मुद्दे पर रुख साफ नहीं करने के चलते अब पहले लालू प्रसाद यादव के राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) और बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) का विलय पहले होगा। इस बात के संकेत जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने मंगलवार को पटना में दिए।
शरद यादव ने साफ कहा कि इस वक्त बिहार में विलय की ज़रूरत हैं, क्योंकि राज्य में इसी साल नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
दरअसल, विलय के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी का आकलन है कि उसे इससे ज्यादा लाभ नहीं होगा, इसलिए पार्टी फिलहाल अपनी पहचान और चुनाव चिह्न नहीं खोना चाहती। दूसरी ओर, इसी के चलते अब आरजेडी और जेडीयू और इंतजार नहीं करना चाहते, और दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने विलय की प्रक्रिया में इंतजार नहीं करने की ठानी है।
विलय की यह प्रक्रिया बुधवार, 14 जनवरी को मकर संक्रांति के भोज के साथ शुरू हो जाएगी। पहले जेडीयू के भोज में दोनों पार्टियां के नेता और कार्यकर्ता साथ-साथ शामिल होंगे, और फिर लालू यादव के घर पर भी चूड़ा-दही के भोज में सभी नेता जाएंगे। पिछले दिनों नीतीश कुमार ने 17 जनवरी से अपनी विधानसभा क्षेत्रवार संपर्क यात्रा को इसी आधार पर स्थगित कर दिया था कि तालमेल की प्रक्रिया एक बार पूरी हो जाए, तब दोनों नेता एक साथ यात्रा पर निकलेंगे, ताकि पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच किसी तरह के संशय की कोई स्थिति न रह जाए।
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