जनता परिवार में विलय की प्रक्रिया चल रही हैं, लेकिन कोई भी राजनतिक दल जल्दबाजी में कोई कदम नहीं उठाना चाहती। विलय के मुद्दे पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) फ़िलहाल बेहद संभल कर कदम उठा रही हैं। पार्टी अपने हर फ्रंट के लोगों को विश्वास में ले रही हैं।
आज जहां पार्टी के पदाधिकारियों ने इस विलय पर अपनी मुहर लगा दी। वहीं इसी मुद्दे पर 15 फरवरी को एक राज्यस्तरीय राजनतिक सम्मलेन का आयोजन किया गया है, जहां हर विधानसभा क्षेत्र से पार्टी के कार्यकताओं को आमंत्रित किया गया।
इस बीच नीतीश कुमार ने ऐलान किया कि 17 जनवरी से वह एक और 'संपर्क रैली' करेंगे, जो राज्य के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में होगा। पहली रैली पश्चिम चंपारण के सिक्ता विधानसभा क्षेत्र से शुरू होगी।
नीतीश ने आज पटना में संवाददाता सम्मलेन में साफ़ किया कि इन रैलियों में वह नरेंद्र मोदी सरकार की वादा खिलाफी पर लोगों का ध्यान आकर्षित करेंगे।
नरेंद्र मोदी ने लोकसभा चुनाव के पहले घोषणा की थी कि केंद्र में उनकी सरकार बनने पर वह बिहार को विशेष राज्य का दर्जा, विशेष आर्थिक पैकेज और विशेष ध्यान देंगे। लेकिन अब उनकी पार्टी के नेता खासकर बिहार के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी का कहना है कि ये सारे वादे बिहार में उनकी सरकार बनने पर पूरे किए जाएंगे।
वहीं विलय की प्रक्रिया पर नितीश ने कहा कि इस संबंध में सभी पार्टियों में बातचीत चल रही है, लेकिन ये अंतहीन नहीं चलेगा। नीतीश की आज की इस घोषणा के बाद साफ़ है कि पूरी प्रक्रिया अब अगले महीने के अंत तक पूरी कर ली जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर दोनों दलों के बीच विलय हो गया, तब दोनों दलों के नेता संयुक्त रैली की शुरुआत करेंगे।
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