आरजेडी ने सुषमा स्वराज का समर्थन किया है.
पटना:
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता शिवानंद तिवारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के समर्थन में आगे आए हैं. उन्होंने कहा है कि सुषमा स्वराज के साथ जो हो रहा है उसकी मैं घोर निंदा करता हूं. हद तो यह है कि एक सज्जन ने ट्वीट कर उनके पति स्वराज कौशल को सलाह दी है कि आप सुषमा को पीटिए. वे मुसलमानों का तुष्टीकरण न करें. स्वभाविक है कि ऐसे लोग अपने आपको हिंदू धर्म का रक्षक या हितैषी समझते हैं. लेकिन नासमझी मे ऐसे लोग हमारी धार्मिक परंपरा विकृत कर रहे हैं.
तिवारी ने कहा है कि समस्त जीव-जगत के कल्याण की कामना करने वाले समाज में नफ़रत फैलाने वाले लोग हमारी महान परंपरा को अपमानित कर रहे हैं. यह पूरा मामला अंतरधार्मिक विवाह करने वाले पति-पत्नी के पासपोर्ट से सम्बंधित है. आरोप है कि सम्बंधित पदाधिकारी ने इन लोगों को परेशान किया. मामला जब सुषमा जी की जानकारी में आया तो उन्होंने उस पदाधिकारी का स्थानांतरण कर दिया. उसके बाद से बड़ी संख्या में ट्विटर पर उनको अपमानित किया जा रहा है. हालांकि उनका समर्थन करने वाले बहुमत में हैं. लेकिन सुषमा जी को अपमानित करने वालों की संख्या चिंता पैदा करती है.
VIDEO : विदेश मंत्रालय के दखल देने पर मिल सका पासपोर्ट
तिवारी ने कहा है कि सार्वजनिक जीवन में सुषमा जी की छवि एक परंपरागत भारतीय महिला की है. खेद है कि इस मामले पर दस दिन तक भाजपा नेतृत्व ने सुषमा जी को अकेले छोड़ दिया. दस दिन के मौन धारण के बाद राजनाथ जी और गडकरी जी ने अब जाकर मुंह खोला है. लेकिन अपने वरिष्ठ सहयोगी के सार्वजनिक अपमान पर प्रधानमंत्री जी अभी मौन हैं.
तिवारी ने कहा है कि समस्त जीव-जगत के कल्याण की कामना करने वाले समाज में नफ़रत फैलाने वाले लोग हमारी महान परंपरा को अपमानित कर रहे हैं. यह पूरा मामला अंतरधार्मिक विवाह करने वाले पति-पत्नी के पासपोर्ट से सम्बंधित है. आरोप है कि सम्बंधित पदाधिकारी ने इन लोगों को परेशान किया. मामला जब सुषमा जी की जानकारी में आया तो उन्होंने उस पदाधिकारी का स्थानांतरण कर दिया. उसके बाद से बड़ी संख्या में ट्विटर पर उनको अपमानित किया जा रहा है. हालांकि उनका समर्थन करने वाले बहुमत में हैं. लेकिन सुषमा जी को अपमानित करने वालों की संख्या चिंता पैदा करती है.
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तिवारी ने कहा है कि सार्वजनिक जीवन में सुषमा जी की छवि एक परंपरागत भारतीय महिला की है. खेद है कि इस मामले पर दस दिन तक भाजपा नेतृत्व ने सुषमा जी को अकेले छोड़ दिया. दस दिन के मौन धारण के बाद राजनाथ जी और गडकरी जी ने अब जाकर मुंह खोला है. लेकिन अपने वरिष्ठ सहयोगी के सार्वजनिक अपमान पर प्रधानमंत्री जी अभी मौन हैं.
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