
- लालू यादव ने ट्वीट कर बोला नीतीश कुमार पर हमला
- चारा घोटाला केस में सजा काट रहे हैं लालू यादव
- सीबीआई की विशेष अदालत में दर्ज कराए बयान
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) गुरुवार को चारा घोटाला केस में रांची स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पेश हुए. लालू ने कोर्ट के समक्ष डोरंडा कोषागार मामले में अपने बयान दर्ज करवाए. उन्हें 'रिम्स' से कोर्ट लाया गया था. वह करीब दो घंटे तक कोर्ट परिसर में रहे. बयान दर्ज करवाने के बाद उन्हें वापस 'रिम्स' ले जाया गया. कुछ देर पहले लालू के ट्विटर अकाउंट से एक ट्वीट किया गया है, इसमें उन्होंने बगैर नाम लिए सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) पर हमला बोला है.
लालू यादव ने ट्वीट किया, 'छल, छीजन और घरियालीपन यात्रा वाले महानुभाव ने गरीब राज्य के नौजवानों, किसानों और कर्मचारियों का 24500 करोड़ लूट लिया. ऊपर से सरकारी संसाधनों की बर्बादी एवं करोड़ों रुपए मानव शृंखला की नौटंकी पर खर्च कर सुशासनी भ्रष्टाचार को वैध बनाने व जनता को दिग्भ्रमित करने की कोशिश है.'
“छल, छीजन और घरियालीपन” यात्रा वाले महानुभाव ने ग़रीब राज्य के नौजवानों, किसानों और कर्मचारियों का 24500 करोड़ लूट लिया।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) January 16, 2020
ऊपर से सरकारी संसाधनों की बर्बादी एवं करोड़ों रुपए मानव शृंखला की नौटंकी पर खर्च कर सुशासनी भ्रष्टाचार को वैध बनाने व जनता को दिग्भ्रमित करने की कोशिश है।
गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव को चारा घोटाले से जुड़े चार मामलों में सजा हो चुकी है. सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल भेजा गया था. वहां स्वास्थ्य बिगड़ने के बाद उन्हें 'रिम्स' में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने बताया कि लालू 11 गंभीर बीमारियों से ग्रसित हैं. पुलिस निगरानी में अस्पताल में ही उनका इलाज चल रहा है.
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बताते चलें कि लालू यादव के छोटे बेटे और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) नागरिकता कानून (CAA) को लेकर बिहार की नीतीश कुमार सरकार पर हमलावर हैं. गुरुवार को तेजस्वी ने कहा, 'नीतीश कुमार जी को प्रपंच, दुष्प्रचार व नदारद कार्यों के झूठे प्रचार में महारत हासिल है. वो जनता को भ्रमित करने के लिए नित नए स्वांग रचते हैं, दोहरा चरित्र अपनाते हैं. पहले तो नीतीश जी की पार्टी ने संविधान विरोधी, गरीब विरोधी CAA का संसद के दोनों सदनों में समर्थन कर दिया, पर ये अपने गिरगिटी अंदाज से कब हटने वाले थे, सो अब जनता को भ्रमित करने के लिए कहने लगे हैं कि NRC को बिहार में लागू नहीं करेंगे. क्या मुख्यमंत्री नहीं जानते कि जो उनके हाथ में था, वहां तो उन्होंने CAA का समर्थन करके अपना असली संविधान विरोधी साम्प्रदायिक रंग दिखा ही दिया है.'
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