भारत-चीन-रूस की वर्चुअल बैठक RIC Meet में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि विश्व के नेतृत्व की आवाज सबके हित में उठनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इन आवाजों को सबके लिए उदाहरण पेश करना होगा. विदेश मंत्री ने कहा कि सबकी भलाई को साथ लेकर चलने से ही एक सतत विश्व का निर्माण किया जा सकता है. अपने संबोधन में एस जयशंकर ने कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय कानूनों, अपने सहयोगियों के हितों का खयाल रखने, बहुपक्षीयता को समर्थन देने और सबके हित में लिए गए फैसलों के साथ चलना होगा, ताकि हम एक बेहतर और लंबे समय तक टिकने वाली वैश्विक व्यवस्था बना सकें.
इस वर्चुअल मीट में विदेशमंत्री ने कहा कि 'यह मीटिंग अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सिद्धांतों में हमारे विश्वास को दोहराती है लेकिन आज की चुनौती सिद्धांत और नियम नहीं हैं, बल्कि उनका पालन करने में बराबरी की जरूरत है.' तीनों देशों की यह बैठक
बता दें कि गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के चलते बीजिंग के साथ भारत के संबंधों में आई और अधिक तल्खी के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर मंगलवार को अपने चीनी और रूसी समकक्षों के साथ रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय वर्चुअल सम्मेलन में शामिल हुए.
माना जा रहा है कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून को भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए हिंसक संघर्ष के बाद टकराव और बढ़ने की आशंकाओं के बीच रूस ने दोनों देशों से संपर्क किया है और बातचीत के जरिए सीमा विवाद का समाधान करने का आग्रह किया है. विदेश मंत्री ने अपने भाषण के अंत में कहा कि वो रूस को यह मीटिंग बुलाने के लिए धन्यवाद देते हैं और तीनों देशों के बीच होने वाली बातचीत को लेकर उत्साहित हैं.
Video: पूर्वी लद्दाख में पीछे हटेंगी भारत-चीन सेनाएं : सूत्र
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं