विज्ञापन
This Article is From Sep 07, 2015

राजद्रोह से जुड़े सर्कुलर में शब्दों के हेरफेर से महाराष्ट्र में आक्रोश

राजद्रोह से जुड़े सर्कुलर में शब्दों के हेरफेर से महाराष्ट्र में आक्रोश
राजद्रोह के मामले में फड़णवीस सरकार के कड़ा रुख़ की निंदा हो रही है
मुंबई: राजद्रोह को लेकर कड़ा रुख़ अपनाने वाले महाराष्ट्र सरकार के हालिया जारी किए गए सर्कुलर ने राज्य भर में आक्रोश पैदा कर दिया है।  महाराष्ट्र के गृह विभाग के अनुसार किसी भी जनप्रतिनिधि के खिलाफ़ दिए बयान या लेख से अगर हिंसा भड़कती है तो ऐसा करनेवाले के खिल आईपीसी की धारा 124A के तहत कार्रवाई होगी।

पिछले महीने जारी किया गया ये फरमान राजद्रोह के मामले में नागरिक को आरोपित करने से जुड़े बॉम्बे हाईकोर्ट के दिशा निर्देशों पर आधारित है। इसके अनुसार शब्द, चिह्न या ऐसे किसी भी बयान को राजद्रोही माना जाएगा जो सरकारी नुमाइंदे के खिलाफ बोला या किया जाएगा।

हालांकि अदालत द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देश में लिखा गया है 'राजनेता या सरकारी नौकरों पर इस्तेमाल किए गए शब्द, चिह्न या ऐसे किसी भी बयान को इस श्रेणी में तब तक नहीं रखा जाएगा जब तक ये शब्द, चिह्न या बयान उन्हें सरकारी नुमाइंदे के रूप में प्रस्तुत नहीं करते।'

सोशल मीडिया, सामाजिक कार्यकर्ता और राजनेताओं ने शब्दों की इस हेराफेरी के खिलाफ आवाज़ उठाई है। उनका कहना है कि 'सरकारी नुमाइंदे' शब्द का बेजा इस्तेमाल किया जा सकता है और राजनेताओं की आलोचना का भी गलत अर्थ निकालकर आपको जेल भेजा जा सकता है।

राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के नेता धनंजय मुंडे का कहना है कि इस नए आदेश के बाद भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का असल चेहरा सामने आ गया है। वहीं सरकारी अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने सिर्फ कोर्ट के आदेश का अंग्रेज़ी से मराठी में अनुवाद भर किया है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) के.पी. बख्शी का कहना है कि उन्होंने कोर्ट के आदेश के आधार पर सर्कुलर जारी किया है और इसके सर्कलुर के अनुसार बस सरकारी नौकर को गलत तरीके से दिखाए जाने पर मनाही है। बता दें कि अदालत ने राजद्रोह से जुड़े कानून के मनमाने इस्तेमाल पर लगाम कसने के लिए दिशा निर्देश जारी किए थे।

इस कानून के अनुसार आईपीसी की धारा 124 ए के तहत राजद्रोह के मामले में सज़ा के तौर पर आजीवन कारावास हो सकता है। साथ ही जब तक ऐसे बयान हिंसा या हंगामे की वजह न बने, सरकार की आलोचना को रोकेने के लिए इसका बेवजह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
महाराष्ट्र सरकार, मुख्यमंत्री फड़णवीस, राजद्रोह पर फरमान, आईपीसी की धारा 124A, बॉम्बे हाईकोर्ट, Maharashtra Government, Fadnavis Government, Sedition Act, Bombay High Court
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com