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This Article is From Mar 03, 2019

दिल्ली: अर्धसैनिक बलों के हजारों रिटायर्ड जवान केंद्र सरकार से खफा, जंतर-मंतर पर आज करेंगे प्रदर्शन

अर्धसैनिक बलों के हजारों रिटायर्ड जवान रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध दिवस मनाने पहुंचेंगे. ये सेना की जवानों की तरह सुविधायें देने की मांग को लेकर रविवार को दिल्ली आयेंगे.

दिल्ली: अर्धसैनिक बलों के हजारों रिटायर्ड जवान केंद्र सरकार से खफा, जंतर-मंतर पर आज करेंगे प्रदर्शन
प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:

अर्धसैनिक बलों के हजारों रिटायर्ड जवान रविवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध दिवस मनाने पहुंचेंगे. ये सेना की जवानों की तरह सुविधायें देने की मांग को लेकर रविवार को दिल्ली आयेंगे. जवानों ने भी कहा कि अगर सरकार अर्धसैनिक बलों के जवानों की ओआरओपी और पुरानी पेंशन बहाल नहीं की तो मौजूदा बीजेपी सरकार को आम चुनाव में सबक सिखायेंगे. अर्धसैनिक बलों में सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसफ एसएसबी और असम राइफल्स के जवान शामिल हैं.14 फरवरी को  पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे और एक मार्च को भी कुपवाड़ा में आतंकियों से लड़ते हुए दो सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गये. इनकी मांग है कि जब वे काम सेना के जवानों की तरह करते हैं तो फिर उन्हें सैलरी, सम्मान और सुविधायें सेना के जवानों की तरह क्यों ना मिले. 

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चीन और पाकिस्तान की सरहद से लेकर  देश के भीतर आतंकी और नक्सली से अर्धसैनिक बलों के जवान ही लड़ते हैं. इनकी मांग है कि सेना की तरह उन्हें भी वन रैंक वन पेंशन दी जाए. 2004 से बंद की गई पेंशन नीति को फिर से बहाल किया जाए. कठिन हालात में तैनात जवानों को पैरामिलेट्री स्पेशल पे दी जाए. एक्स सर्विसमेन का स्टेट्स दिया जाए. सीजीएचएस डिस्पेंनसरी की सुविधा हर जिले में दी जाए और सेना की तरह कैंटिन में रियायत दी जाए. अर्धसैनिक बलों के इन जवानों की शिकायत है कि सरकार उनके साथ लगातार भेदभाव कर रही है. जवानों को शहीद का दर्जा भी नहीं दिया जाता है. 

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कॉन्फेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलेट्री फोर्स वेलफेयर एसोसियेसन के महासचिव रणवीर सिंह का कहना है कि क्या हम मरेंगे तभी सरकार हमें पेंशन देगी. जिंदा जवानों को भी पेंशन दो. रणवीर ने कहा कि हमनें तो सारे राजनीतिक दलों को कह दिया है कि आप अपने घोषणा पत्र में अर्धसैनिक बलों की मांगों को  शामिल करो तो तब ही हम आपको समर्थन देंगे नहीं तो हम विरोध करेंगे. अर्धसैनिक बलों की खराब हालत किसी से छिपी नहीं है. इनके जवान रेगिस्तान में 50 डिग्री तापमान में तो तैनात होते ही है साथ में 15 हजार फीट की ऊंचाई पर 20 डिग्री से नीचे तापमान में ड्यूटी निभाते हैं.

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