देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से इजाफा होता जा रहा है. देश में सोमवार को पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2.73 लाख मामले सामने आए हैँ कोरोना के इन बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में बेड की कमी होती जा रही है, साथ ही कोरोना के उपचार में प्रभावी पाई गई दवा Remdesivir के लिए भी जरूरतमंदों की भीड़ लग रही है. हालत यह है कि ज्यादातर मेडिकल स्टोर्स ये Remdesivir गायब हो गई है. NDTV के साथ बातचीत में दिल्ली के डॉक्टरों ने स्पष्ट किया है कि Remdesivir को पूरी तरह वंडर ड्रग नहीं कहा जा सकता. एम्स के डॉक्टर अंजन त्रिखा ने कहा कि यह सही है कि Remdesivir कोरोना के बचाव में सहायक है लेकिन इसकी 'मॉडरेट' इलनेस की स्थिति में सहायक है, ऐसी स्थिति में जब पेशेंट को ऑक्सीजन की जरूरत है. उन्होंने कहा कि Remdesivir के विकल्प के तौर पर और दवाएं मौजूद हैं. यह ऐसी स्थिति में सहायक नहीं हो सकती जब पेशेंट वेंटीलेटर पर है या उसमें बेहद माइल्ड लक्षण हैं.
बातचीत के दौरान मैक्स हॉस्पिटल साकेत के डॉ. विवेक नांगिया ने कहा, Remdesivir को लेकर आज हर कोई मार्केट में घूम रहा है और अफरातफरी की स्थिति है लेकिन इसे लेकर पैनिक होने की जरूरत नहीं है. Remdesivir के दूसरे ऑप्शन भी उपलब्ध है, सरकार इसकी कमी को दूर करने के लिए भी जुटी हुई है.
कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच 'डबल लेयर' वाले मॉस्क की सलाह पर इन डॉ. नांगिया ने कहा कि डबल मास्क इफेक्टिव हो सकता है. यह किसी भी तरह से बुरा आइडिया नहीं है. इससे ट्रांसमिशन के चांस कम होते हैं. ऐसे समय जब केस तेजी से फैल रहे है कि यह जरूरी है कि मास्क सही तरीके से पहना जाए और यह नाक को सही तरीके से 'कवर' करे. कुछ मामलों में RT PCR टेस्ट के निगेटिव आने के बाद भी सीटी स्कैन में लोगों के पॉजिटिव पाए जाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि यह पहली बार हुआ है. पिछले साल भी ऐसे मामले आए थे. RT PCR रिपोर्ट के निगेटिव आने के बाद सीटी स्कैन में पेशेंट के पॉजिटिव होने का पता चला था. यह जरूरी है कि RT PCR टेस्ट सही तरीके से हुआ है.
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