देश बचाने के लिए सीपीएम के साथ मिलकर काम करने को तैयार : नोटबंदी पर ममता बनर्जी

देश बचाने के लिए सीपीएम के साथ मिलकर काम करने को तैयार : नोटबंदी पर ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (फाइल फोटो)

खास बातें

  • 'इस काले निर्णय को वापस ले केंद्र'
  • 'यह जन विरोधी सरकार है, पूरी तानाशाही चल रही है.'
  • 'जनता को बचाने के लिए सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट हो जाएं'
कोलकाता:

नोटबंदी के फैसले को लेकर मोदी सरकार पर फिर से कड़ा प्रहार करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को कहा कि केंद्र इस 'काले' निर्णय को वापस ले, क्योंकि यह आम आदमी के खिलाफ है. ममता ने कहा कि वह देश बचाने के लिए अपने धुर विरोधी दल सीपीएम सहित सभी विपक्षी पार्टियों के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं.

ममता बनर्जी ने दक्षिण कोलकाता में कुछ बैंकों का दौरा करने और उपभोक्ताओं और बैंककर्मियों से बात करने के बाद संवाददाताओं से कहा, 'इस सरकार को बने रहने का अब कोई नैतिक अधिकार नहीं है. इसे जाना चाहिए. यह एक जन विरोधी सरकार है, यह गरीब विरोधी सरकार है. यह चीजों को चलाने का लोकतांत्रिक तरीका नहीं है, पूरी तानाशाही चल रही है.'

मुख्यमंत्री ने पिछले कुछ दिनों के दौरान देश को हुए आर्थिक नुकसान की सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश से जांच कराने की भी मांग की. उन्होंने कहा, 'इस आर्थिक आपदा की सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों से जांच कराई जानी चाहिए और जांच इस बात की भी कराई जानी चाहिए कि कहीं यह निर्णय कुछ अन्य को लाभ पहुंचाने के लिए या देश को बेचने के लिए तो नहीं लिया गया है.'

ममता ने कहा कि यह निर्णय देश को पीछे ले जाने के लिए लिया गया है. इससे देश अस्थिर हो गया है. तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ने एक बार फिर सभी विपक्षी दलों से आग्रह किया कि वे इस कदम के खिलाफ आम जनता की मदद के लिए एकजुट हो जाएं. ममता ने कहा, 'इस आपदा से आम जनता को बचाने के लिए हम सभी विपक्षी पार्टियां एकजुट हो जाएं. मैं मरने से भी नहीं डरती, मैं जनता के साथ रहूंगी.'


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