RBI Monetary Policy: रेपो रेट फिर 4 फीसदी पर बरकरार, Omicron की चिंता के बीच नहीं हुआ बदलाव

मौद्रिक नीति समीक्षा समिति ने बेंचमार्क रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि समिति ने कोविड-19 के बीच अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए अपने 'Accommodative Stance' को अपनाए रखने का फैसला किया है.

RBI Monetary Policy: रेपो रेट फिर 4 फीसदी पर बरकरार, Omicron की चिंता के बीच नहीं हुआ बदलाव

RBI MPC Meet : रेपो और रिवर्स रेपो रेट में लगातार नौवीं बार कोई बदलाव नहीं.

नई दिल्ली:

RBI Monetary Policy की दिसंबर महीने की बैठक में नीतिगत दरों (RBI Benchmark Rate) को एक बार फिर से नहीं बदला गया है. Omicron की चिंता के बीच आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा समिति ने बेंचमार्क रेट में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है. रेपो रेट एक बार फिर 4% पर बरकरार रखा गया है. रेपो रेट को 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो रेट को 3.35 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है. बता दें कि रेपो रेट उस दर को कहते हैं, जिसपर आरबीआई बैंकों को शॉर्ट टर्म उधार देती है और रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं, जिसपर वो बैंकों से उधार लेती है.

कोरोनावायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के चलते देश में अनिश्चितता के हालात पैदा होने से बाजार विश्लेषकों का मानना था कि इस बार भी आरबीआई नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा. यह लगातार नौवीं बार है जब मौद्रिक समिति ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि समिति ने कोविड-19 के बीच अर्थव्यवस्था को सहारा देने के लिए अपने 'Accommodative Stance' को अपनाए रखने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सबसे बड़ी गिरावट से बाहर आ गयी है, हम कोविड-19 महामारी से निपटने के लिये बेहतर रूप से तैयार हैं. दास ने कहा कि इकॉनमिक रिकवरी तेज हो रही है, लेकिन इतनी मजबूत नहीं है कि अपने दम पर सतत तेजी जारी रख सके. गवर्नर ने यह भी कहा कि ओमिक्रॉन के संक्रमण के चलते आउटलुक नकारात्मक दिख रहा है.

आर्थिक रिकवरी पर उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मांग में सुधार नजर आ रहा है, वहीं, शहरी मांग भी मजबूत हो रही है. पेट्रोल, डीजल के मूल्यों पर कर की दरें कम होने से खपत मांग को मदद मिलनी चाहिए.

आरबीआई गवर्नर दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक वित्तीय स्थिरता को बनाये रखने के लिये नकदी का प्रबंधन करता रहेगा और आरबीआई बैंकों को बिना उसकी पूर्व मंजूरी के विदेशी शाखाओं में पूंजी डलने और लाभ भेजने की अनुमति देगा.

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आरबीआई ने इस बार भी वित्तवर्ष 2021-22 के लिए रियल GDP ग्रोथ का अनुमान 9.5% पर बनाए रखा है. रिटेल इंफ्लेशन के अनुमान को फिर FY22 के लिए 5.3% पर रखा गया है. CPI इंफ्लेशन का अनुमान भी 5.3% पर स्थिर है. एमपीसी को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ मुद्रास्फीति चार प्रतिशत पर बरकरार रखने की जिम्मेदारी दी गई है.