केंद्रीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी बुधवार यानी 8 दिसंबर को द्विमासिक मौद्रिक नीति पेश करेगी. कोरोनावायरस के नए वेरिएंट Omicron के डर से आर्थिक अनिश्चितताएं पैदा हुई हैं, जिसके चलते माना जा रहा है कि आरबीआई की समिति इस बार भी प्रमुख नीतिगत दरों को फिर से स्थिर रखने के पक्ष में घोषणा कर सकती है. अगर ऐसा होता है तो नीतिगत दरों में लगातार नौ बार से कोई बदलाव नहीं होगा. अक्टूबर में समिति की पिछली बैठक में भी आरबीआई ने 'Accommodative Stance' यानी उदार रुख अपनाते हुए रेपो और रिवर्स रेपो रेट (Repo Rate and Reverse Repo Rate) को लगातार आठवीं बार स्थिर रखने का फैसला किया था.
नीतिगत दरों की घोषणा के साथ-साथ आर्थिक आंकड़ों की घोषणा के साथ आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास सुबह 10 बजे इसपर घोषणा करेंगे.
बता दें कि इस समय रेपो दर 4 प्रतिशत और रिवर्स रेपो दर 3.35 प्रतिशत है. रेपो रेट उस दर को कहते हैं, जिसपर आरबीआई बैंकों को शॉर्ट टर्म उधार देती है और रिवर्स रेपो रेट उस दर को कहते हैं, जिसपर वो बैंकों से उधार लेती है.
पिछली बार केंद्रीय बैंक ने कहा था कि कोविड-19 की दूसरी लहर के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतों के बीच उसने अपने मौद्रिक रुख को नरम बनाये रखने का भी फैसला किया है. ऐसे में जब ओमिक्रॉन ने देश में अनिश्चितता के हालात पैदा किए हैं, तो माना जा रहा है कि इस बार भी आरबीआई नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा.
अगर जीडीपी ग्रोथ की बात करें तो आरबीआई ने पिछली बैठक में FY 2021-22 के लिए रियल GDP ग्रोथ का अनुमान 9.5% पर बनाए रखा गया था. मौजूदा वित्त वर्ष के लिए CPI Inflation (उपभोक्ता मूल्य सूचकांक) 5.3% पर औरप मार्च, 2022 के अंत तक Retail Inflation यानी खुदरा मुद्रास्फीति 5.3 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया गया था.