आरबीआई (RBI) ने वित्तीय संकट में फंसे बैंकों पर सख्ती शुरू कर दी है, ताकि ग्राहकों का पैसा डूबने से बचाया जा सके. इसी के तहत रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र में कनराला नागरी कोऑपरेटिव बैंक(Karnala Nagari Sahakari Bank), पनवेल का लाइसेंस रद्द कर दिया है. संकेत हैं कि ऐसे ही अन्य बैंकों के खिलाफ भी केंद्रीय बैंक जल्द ही कदम उठा सकता है. रिजर्व बैंक ने कहा है कि इस कोऑपरेटिव बैंक के पास पर्याप्त पूंजी नहीं है और यह अपने मौजूदा जमाकर्ताओं की पूरी राशि चुकाने की स्थिति में नहीं है.रिजर्व बैंक ने कहा कि शुक्रवार को कारोबार बंद होने के बाद बैंक बैंकिंग परिचालन नहीं कर पाएगा.
बैंक का लाइसेंस रद्द करने की घोषणा करते हुए केंद्रीय बैंक ने कहा कि बैंक ओर से दिए गए ब्योरे के अनुसार 95 प्रतिशत जमाकर्ताओं को जमा बीमा एवं ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) के जरिये अपनी पूरी जमा राशि मिलेगी. अगर बैंक डूबता है तो प्रत्येक जमाकर्ता को नए नियमों के तहत जमा राशि पर बीमा दावे का अधिकार होता है, इसकी सीमा पांच लाख रुपये तक है,रिजर्व बैंक ने कहा कि करनाला नागरी सहकारी बैंक का लाइसेंस नौ अगस्त के आदेश के तहत रद्द किया गया है.
इससे पहले आरबीआई ने 14 जुलाई को पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना नहीं होने के कारण डॉ. शिवाजीराव पाटिल निलंगेकर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड का लाइसेंस रद्द कर दिया है।.आरबीआई ने कहा था कि ये बैंक अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के हिसाब से जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ दिख रहा है.
सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार, महाराष्ट्र से भी बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक रिसीवर नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है.
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