फाइल फोटो : पद्मनाभस्वामी मंदिर
थिरुवनंतपुरम:
केरल के मंदिर बोर्डो को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से एक पत्र मिला है, जिसमें उनके अधिकार में मौजूद स्वर्ण भंडार की जानकारी मांगी गई है। यह जानकारी गुरुवार को मंदिर बोर्ड के एक अधिकारी ने दी।
प्रसिद्ध गुरुवयूर देवासम बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि आरबीआई से इस बाबत एक पत्र मिला है।
अधिकारी ने कहा, "मैंने पत्र मंदिर की प्रबंधन समिति को भेज दिया है, क्योंकि सभी नीतिगत फैसले समिति ही लेती है।"
राज्य में अधिकतर मंदिर पांच अलग-अलग देवासम बोर्डो के तहत आते हैं, जिनमें त्रावणकोर देवासम बोर्ड सबसे बड़ा है, जिसके तहत प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर भी आता है।
आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक सालिम गंगाधरण ने बात करते हुए पत्र भेजे जाने की पुष्टि की लेकिन कहा, "आरबीआई सोना खरीदना नहीं चाहता है। यह सिर्फ सांख्यिकी गतिविधि है।"
जुलाई 2011 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति राज्य की राजधानी में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के छह वॉल्ट में मौजूद धन को देख कर दंग रह गई। एक वॉल्ट-बी अभी तक नहीं खोला गया है। पांच वॉल्ट में मौजूद संपत्तियों का मूल्य एक लाख करोड़ रुपये से अधिक आंका गया है।
प्रसिद्ध गुरुवयूर देवासम बोर्ड के एक शीर्ष अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि आरबीआई से इस बाबत एक पत्र मिला है।
अधिकारी ने कहा, "मैंने पत्र मंदिर की प्रबंधन समिति को भेज दिया है, क्योंकि सभी नीतिगत फैसले समिति ही लेती है।"
राज्य में अधिकतर मंदिर पांच अलग-अलग देवासम बोर्डो के तहत आते हैं, जिनमें त्रावणकोर देवासम बोर्ड सबसे बड़ा है, जिसके तहत प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर भी आता है।
आरबीआई के क्षेत्रीय निदेशक सालिम गंगाधरण ने बात करते हुए पत्र भेजे जाने की पुष्टि की लेकिन कहा, "आरबीआई सोना खरीदना नहीं चाहता है। यह सिर्फ सांख्यिकी गतिविधि है।"
जुलाई 2011 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति राज्य की राजधानी में स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर के छह वॉल्ट में मौजूद धन को देख कर दंग रह गई। एक वॉल्ट-बी अभी तक नहीं खोला गया है। पांच वॉल्ट में मौजूद संपत्तियों का मूल्य एक लाख करोड़ रुपये से अधिक आंका गया है।
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