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This Article is From Mar 21, 2018

फेसबुक डाटा लीक: कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का मार्क जुकरबर्ग को कड़ा संदेश, कहा- ...तो आपको भी समन कर सकते हैं

यह पहला मौका नहीं है जबकि भारतीय नीति-निर्माताओं और फेसबुक के बीच गतिरोध पैदा हुआ है. इससे पहले 2016 में ट्राई ने इंटरनेट पहुंच के लिए भेदभाव वाले मूल्य पर नियमन जारी किया था.

फेसबुक डाटा लीक: कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद का मार्क जुकरबर्ग को कड़ा संदेश, कहा- ...तो आपको भी समन कर सकते हैं
मार्क जुकरबर्ग और रविशंकर प्रसाद की फाइल फोटो
नई दिल्ली: भारत सरकार ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक को चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने की सूरत में कड़ी कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा है. केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि हमारी सरकार प्रेस, भाषण और अभिव्यक्ति की आजादी का पूरा समर्थन करती है. साथ ही वह सोशल मीडिया पर विचारों के मुक्त आदान प्रदान की भी आजादी देती है. उन्होंने कहा कि फेसबुक सहित कोई भी सोशल नेटवर्किंग साइट यदि अनुचित तरीके से देश की चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास करती है, तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आईटी कानून के तहत हम नियमों का उल्लघंन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेंगे. प्रसाद ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इस मामले में फेसबुक के मुख्य अधिकारी मार्क जुकरबर्ग को भारत में समन भी किया जा सकता है. गौरतलब है कि रविशंकर प्रसाद ने फेसबुक द्वारा भारतीयों उपयोग कर्ताओं का डाटा चुराए जाने की खबर के सामने आने के बाद यह चेतावनी दी है. 

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प्रसाद ने कहा कि आज भारत में फेसबुक इस्तेमाल करने वालों की संख्या 20 करोड़ है. ऐसे में अगर इनसे जुड़ी जानकारी को कोई चुराता है और उसका गलत इस्तेमाल करता है तो यह गैरकानूनी होगा. हमारी सरकार ऐसा करने वाले के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगी. उन्होंने फेसबुक कंपनी और उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग को आगाह किया कि यदि किसी तरह का भी डाटा का  उल्लंघन का मामला सामने आता है तो आईटी कानून के तहत उनपर कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने मार्क जुकरबर्ग को चेतावनी देते हुए कहा कि आप बेहतर तरीके से जान लें कि हम भारत में एफबी प्रोफाइल का स्वागत करते हैं, लेकिन एफबी प्रणाली के जरिए अगर भारतीयों के किसी आंकड़े की चोरी की जाती है तो इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार फेसबुक द्वारा इस्तेमाल आंकड़ों पर किसी तरह की जांच करेगी, आईटी मंत्री ने कहा कि भारत में इसके लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) नाम की संस्था है. यदि कोई विशेष शिकायत मिलती है तो उसकी गंभीरता से जांच होगी. गौरतलब है कि यह पहला मौका नहीं है जबकि भारतीय नीति-निर्माताओं और फेसबुक के बीच गतिरोध पैदा हुआ है. इससे पहले 2016 में ट्राई ने इंटरनेट पहुंच के लिए भेदभाव वाले मूल्य पर नियमन जारी किया था. और फेसबुक फी बेसिक्स जैसे प्लेटफार्म पर प्रतिबंध लगा था. अमेरिकी संघीय व्यापार आयोग( एफटीसी) फेसबुक की इस बात के लिए जांच कर रहा है कि क्या उसने प्रयोगकर्ताओं के लाखों आंकड़े एक राजनीतिक परामर्श एजेंसी को दिए थे. इन सब के बीच मीडिया रिपोर्ट्स में आरोप लगाया गया है कि कैंब्रिज एनलिटिका ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 2016 के चुनाव अभियान में इन आंकड़ों का इस्तेमाल किया था.

VIDEO: फेसबुक से कोई डाटा नहीं हुआ लीक.


प्रसाद ने आरोप लगाया कि कैंब्रिज एनालिटिका के कांग्रेस पार्टी के साथ संबंध हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सोशल मीडिया प्रोफाइल में कैंब्रिज एनालिटिका की क्या भूमिका है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 2019 के चुनाव अभियान के लिए कैंब्रिज एनालिटिका की सेवा ली है. (इनपुट भाषा से) 

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