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This Article is From Sep 23, 2019

दिल्ली-एनसीआर में प्याज की कीमत 70 रुपये प्रति किलो तक पहुंची, नवंबर तक दाम नीचे आने के आसार नहीं

प्याज़ एक बार फिर रुला रहा है. दिल्ली-एनसीआर में खुदरा बाज़ार में प्याज़ 60-70 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. वहीं थोक बाज़ार में प्याज़ की क़ीमत 35-45 रुपये प्रति किलो है.

नई दिल्ली:

प्याज़ एक बार फिर रुला रहा है. दिल्ली-एनसीआर में खुदरा बाज़ार में प्याज़ 60-70 रुपये प्रति किलो मिल रहा है. वहीं थोक बाज़ार में प्याज़ की क़ीमत 35-45 रुपये प्रति किलो है. दिल्ली स्थित आजादपुर मंडी में प्याज का थोक भाव 50 रुपये प्रति किलो हो गया है, जोकि 2015 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है. वहीं, एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में भी प्याज 50 रुपये प्रति किलो बिकने लगा है. कारोबारियों ने बताया कि देश में प्याज का स्टॉक काफी कम है, जिसके कारण मंडियों में आवक कम हो रही है. खपत के मुकाबले आवक कम होने से प्याज की कीमत बढ़ रही है. आजादपुर मंडी के कारोबारी और ऑनियन मर्चेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजेंद्र शर्मा ने कहा कि दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश के कारण प्याज की फसल खराब होने व नई फसल की तैयारी में विलंब हो जाने की आशंकाओं से प्याज की कीमतों को और सपोर्ट मिल रहा है. शर्मा ने बताया कि इससे पहले 2015 में प्याज का भाव 50 रुपये किलो से ऊपर चला गया था. हालांकि सरकार बार-बार कह रही है कि प्याज़ का पूरा स्टॉक है. दिल्ली में बीते शुक्रवार को प्याज की आवक 1,026 टन थी, राजेंद्र शर्मा ने कहा कि पूरी दिल्ली की खपत तकरीबन 3,000 टन रोजाना है, लेकिन कीमत बढ़ने से खपत पर भी असर पड़ा है और यह 2,500 टन रह गई है.

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उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पिछले सप्ताह प्याज की खुदरा कीमत 57 रुपये किलो रही. वहीं मुंबई में यह 56 रुपये, कोलकाता में 48 रुपये और चेन्नई में 34 रुपये किलो थी. गुरुग्राम और जम्मू में प्याज 60 रुपये किलो पर पहुंच गया है. हालांकि, आंकड़ों के अनुसार पिछले सप्ताह के अंत तक प्याज के खुदरा दाम 70 से 80 रुपये किलो पर पहुंच गए. इससे पिछले सप्ताह यह 50 से 60 रुपये किलो थे. केंद्र सरकार ने प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं. इसके बावजूद प्याज के दाम चढ़ रहे हैं. एक सूत्र ने कहा, ‘‘सरकार ने पिछले कुछ सप्ताह के दौरान घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश के लिए कई कदम उठाए हैं. लेकिन पिछले दो-तीन दिन में उत्पादक राज्यों में भारी बारिश की वजह से आपूर्ति प्रभावित होने से प्याज की खुदरा कीमतों में भारी इजाफा हुआ है. 

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सूत्र ने कहा कि आपूर्ति में यह बाधा सीमित समय के लिए है. यदि अगले दो-तीन दिन में स्थिति सामान्य नहीं होती है तो सरकार व्यापारियों के लिए गंभीरता से भंडारण की सीमा तय करने पर विचार कर रही है. मौसम विभाग के अनुसार प्रमुख प्याज उत्पादक क्षेत्रों विशेषरूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गुजरात, पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी मध्य प्रदेश में पिछले दो दिन में अत्यधिक बारिश हुई है. व्यापारियों का कहना है कि देश के ज्यादातर हिस्सों में अभी भंडारण वाला प्याज बेचा जा रहा है. खरीफ या गर्मियों की फसल नवंबर से बाजार में आएगी. 


 

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