
केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
बसपा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई को दलित से जोड़ने के लिए मायावती की आलोचना करते हुए केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने आज कहा कि उनका दलित होना उन्हें भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का ‘‘लाइसेंस’’ नहीं देता है और उन्हें कानून को अपना काम करने देना चाहिए.
सत्तारूढ़ भाजपा नीत राजग के प्रमुख दलित चेहरा पासवान ने उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री पर नोटबंदी के बाद बसपा के बैंक खाते में कथित तौर पर 104 करोड़ रुपये जमा कराने को लेकर आलोचना की और कहा कि यह दुखद है कि समाज के सबसे दबे कुचले वर्ग का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाली पार्टी के पास इतना धन है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, मेरी पार्टी लोजपा दलितों के लिए काम करती है. हमारे सात लोकसभा सांसद हैं और लोजपा के बैंक खाते में कुल रकम एक लाख तीन हजार 198 रुपये हैं. दलित की बेटी होना आपको भ्रष्टाचार करने का लाइसेंस नहीं देता. उन्हें कानून को अपना काम करने देना चाहिए और अधिकारी उनकी पार्टी के खाते की जांच करें. 8
नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा होने के बाद से मायावती द्वारा इसके विरोध पर चुटकी लेते हुए लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि ‘‘उनके जैसे और राजद प्रमुख लालू प्रसाद’’ जैसे लोग इसका विरोध क्यों कर रहे हैं?
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
सत्तारूढ़ भाजपा नीत राजग के प्रमुख दलित चेहरा पासवान ने उत्तरप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री पर नोटबंदी के बाद बसपा के बैंक खाते में कथित तौर पर 104 करोड़ रुपये जमा कराने को लेकर आलोचना की और कहा कि यह दुखद है कि समाज के सबसे दबे कुचले वर्ग का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाली पार्टी के पास इतना धन है.
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, मेरी पार्टी लोजपा दलितों के लिए काम करती है. हमारे सात लोकसभा सांसद हैं और लोजपा के बैंक खाते में कुल रकम एक लाख तीन हजार 198 रुपये हैं. दलित की बेटी होना आपको भ्रष्टाचार करने का लाइसेंस नहीं देता. उन्हें कानून को अपना काम करने देना चाहिए और अधिकारी उनकी पार्टी के खाते की जांच करें. 8
नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा होने के बाद से मायावती द्वारा इसके विरोध पर चुटकी लेते हुए लोजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह स्पष्ट हो गया है कि ‘‘उनके जैसे और राजद प्रमुख लालू प्रसाद’’ जैसे लोग इसका विरोध क्यों कर रहे हैं?
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