विज्ञापन
This Article is From Nov 30, 2018

चुनावी मौसम में आरएसएस का मंदिर राग, एक और रथयात्रा का ऐलान

दिल्ली से शुरू होने वाली यह यात्रा 1 दिसंबर से 9 दिसंबर तक पूरी दिल्ली में निकाली जाएगी. रथ यात्रा के आयोजन की जिम्मेदारी आरएसएस के संगठन स्वदेशी जागरण मंच को दी गई है.

चुनावी मौसम में आरएसएस का मंदिर राग, एक और रथयात्रा का ऐलान
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत. (फाइल तस्वीर)
नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) अयोध्या में राम मंदिर को लेकर रथ यात्रा निकालने जा रहा है. मंदिर के लिए जन समर्थन जुटाने की कवायद दिल्ली से शुरू होगी. इस रथयात्रा को 'संकल्प रथ यात्रा' नाम दिया गया है. दिल्ली से शुरू होने वाली यह यात्रा 1 दिसंबर से 9 दिसंबर तक पूरी दिल्ली में निकाली जाएगी. रथ यात्रा के आयोजन की जिम्मेदारी आरएसएस के संगठन स्वदेशी जागरण मंच को दी गई है. यात्रा की शुरुआत संघ के प्रांत संघचालक कुलभूषण आहूजा झंडेवालान मंदिर से करेंगे. बता दें, विश्व हिंदू परिषद पहले से ही पूरे देश में जन समर्थन जुटाने में लगा है.

विश्व हिंदू परिषद ने हालही में अयोध्या में 'धर्म सभा' का आयोजन करवाया था. इसमें देशभर के संतों ने हिस्सा लिया था. धर्म सभा में अयोध्या में राम मंदिर बनाने की मांग उठाई गई थी. सरकार से मांग की गई थी कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश लाया जाए. इसी दिन शिवसेना के प्रमुख उद्धव ठाकरे भी अयोध्या पहुंचे थे. अयोध्या में उद्धव ठाकरे ने मोदी सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि अगर राम मंदिर नहीं बना तो दोबारा भाजपा सरकार नहीं आएगी.
 
c3k8q99g

RJD का भाजपा पर निशाना: राम ने तो देश जोड़ा था. ये उनका नाम लेकर तोड़ना चाहते हैं

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था धैर्य का समय अब खत्म हुआ और अगर उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का मामला उच्चतम न्यायालय की प्राथमिकता में नहीं है तो मंदिर निर्माण कार्य के लिये कानून लाना चाहिए. उन्होंने कहा था, ‘एक साल पहले मैंने स्वयं कहा था कि धैर्य रखें. अब मैं ही कह रहा हूं कि धैर्य से काम नहीं होगा. अब हमें लोगों को एकजुट करने की जरूरत है. अब हमें कानून की मांग करनी चाहिए.'' 

बीजेपी सांसद का ऐलान, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए शीतकालीन सत्र में लाएंगे प्राइवेट मेंबर बिल

इसके साथ ही भागवत ने कहा था, ‘चाहे जो भी कारण हो क्योंकि अदालत के पास समय नहीं है या राम मंदिर मामला उनकी प्राथमिकता में नहीं है अथवा संभवत: वह समाज की संवेदनशीलता को नहीं समझ पा रही है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि वह इस बारे में विचार करे कि मंदिर निर्माण के लिये कैसे एक कानून लाया जाये... कानून जल्द से जल्द लाया जाना चाहिए.''उन्होंने कहा, ‘‘अब यह आंदोलन का निर्णायक चरण है.'

फारूक अब्दुल्ला बोले- जब भगवान राम पूरे विश्व के और सर्वव्यापी हैं तो अयोध्या में ही मंदिर क्यों चाहिए?

राम मंदिर पर RSS-VHP की चेतावनी: हिंदू समाज अब धैर्य से काम न लें

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com