कर्नाटक में राज्य सभा चुनावों की गहमा गहमी तेज़,जेडीएस उम्मीदवार की स्थिति डांवाडोल

इस चुनाव में कांग्रेस की तरफ से एल हनुमनतैया ,सैयद नासिर हुसैन  और जी सी चंद्रशेखर जबिक बीजेपी की तरफ से राजीव चंद्रशेखर की जीत विधानसभा मे पार्टी पोजीशन के हिसाब से तैय मानी जा रही है.

कर्नाटक में राज्य सभा चुनावों की गहमा गहमी तेज़,जेडीएस उम्मीदवार की स्थिति डांवाडोल

संसद की फाइल फोटो

नई दिल्ली:

कर्नाटक में राज्यसभा चुनाव को लेकर गहमा-गमही तेज हो गई है. इस चुनाव के लिए पर्चा भरने का सोमवार को आखिरी दिन था. सोमवार को कांग्रेस पार्टी की तरफ से तीन, बीजेपी की तरफ से एक और जेडीएस की तरफ से एक उम्मीदवार ने अपना नामांकन भरा. गौरतलब है कि राज्य में 23 मार्च को राज्यसभा चुनाव होना है. इस चुनाव में कांग्रेस की तरफ से एल हनुमनतैया ,सैयद नासिर हुसैन  और जी सी चंद्रशेखर जबिक बीजेपी की तरफ से राजीव चंद्रशेखर की जीत विधानसभा मे पार्टी पोजीशन के हिसाब से तैय मानी जा रही है लेकिन देवेगौड़ा की पार्टी जेडीएस के उम्मीदवार बीएम फ़ारूक़ आंकड़ों के हिसाब से पिछड़ते दिख रहे हैं. 224 सदसयों वाली कर्नाटक विधान सभा मे फिलहाल 217 सदसय है. 7 सीटें खाली हैं.

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कांग्रेस के 123 सदस्य हैं यानी 123 मत, जेडीएस के 7 बागी विधायकों के समर्थन की वजह से कांग्रेस के पास कुल सदस्यों की संख्या 130 है और हाल में निर्दलीय विधायक अशोक खेणी के पार्टी में शामिल होने से मतों की संख्या 131 हो गई है. खास बात यह है कि एक सांसद को जीताने के लिए 44 मत चाहिए. इस हिसाब से तीनों उम्मीदवारों की जीत तय करने के लिए कांग्रेस को कुल  134 मत चाहिये होंगे. जबकि उसके पास फिलहाल 131 है यानी अभी भी 3 वोट कम पड़ रहे हैं. लेकिन राज्य सभा चुनावों के लिए वरीयता मत भी गिना जाता है, ऐसे में दूसरी वरीयता मत में कांग्रेस के तीसरे उम्मीदवार को जीतने में परेशानी नही होगी. वहीं बीजेपी के 43 विधायक हैं.

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श्रीरामलु की पार्टी बीएसआर के तीन विधायक बीजेपी के साथ हैं और बीजेपी को कर्नाटक जनता पार्टी के दो विधायकों का भी साथ है. यानी बीजेपी के पास कुल 48 मत है. पार्टी के उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर के लिए ज़रूरी 44 मातों के अलावा भी पार्टी के पास 4 वोट बचते हैं. लेकिन इस चुनाव की सबसे कमजोर कड़ी है पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा की पार्टी के उम्मीदवार बी एम फ़ारूक़. जेडीएस के फिलहाल विधानसभा में 30 विधायक हैं यानी 30 मत और 8 निर्दलीय अगर जेडीएस के साथ खड़े हो जाते हैं तो जेडीएस के पास कुल मतों की संख्या 38 पहुंचती है. साथ मे बीजेपी के 4 अतिरिक्त वोट जेडीएस का साथ देते हैं तो भी जेडीएस के कुल मतों की संख्या 42 ही होगी.

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यानी ज़रूरी 44 से 2 कम. ऐसे में बीएम फ़ारूक़ को दूसरी बार निराश होना पड़ सकता है. वह पिछली बार भी विधान परिषद चुनावों में जेडीएस के उम्मीदवार थे, लेकिन पार्टी के 7 विधायकों की क्रॉस वोटिंग की वजह से वह जीत नहीं पाए थे. 


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