राज्यसभा में 15 साल बाद हुआ कुछ ऐसा, बन गया इतिहास

ऐसा 15 साल बाद हुआ जब शून्यकाल में सभी तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए और शून्य काल में सबको मौका मिला.

राज्यसभा में 15 साल बाद हुआ कुछ ऐसा, बन गया इतिहास

राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू (फाइल फोटो)

खास बातें

  • शून्यकाल में सभी तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए
  • प्रश्नकाल में भी मौखिक प्रश्नों के लिए सूचीबद्ध सभी प्रश्नों का नंबर आया
  • सभापति वेंकैया नायडू ने जताई उम्मीद, भविष्य में ऐसे ही कामकाज होता रहेगा
नई दिल्ली:

राज्यसभा में मंगलवार को जमकर कामकाज हुआ और एक नया रिकॉर्ड बन गया. प्रश्नकाल में सभी तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए. ऐसा 15 साल बाद हुआ जब शून्यकाल में सभी तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए और शून्य काल में सबको मौका मिला. शून्य काल में 19 सांसदों ने जनता से जुड़े मुद्दों को उठाया. 11 सांसदों ने अपना बयान दिया, जबकि बाकी ने लिखित बयान सदन के पटल पर रखा. सभापति वेंकैया नायडू ने शून्यकाल पूरा होने पर इसका जिक्र किया और कहा कि राज्यसभा ने एक छोटा सा इतिहास रचा है. उन्होंने जिक्र किया कि पहली बार शून्यकाल और विशेष उल्लेख के जरिये उठाए जाने वाले स्वीकृत सभी विषय पूरे हुए. सदस्यों ने मेजें थपथपा कर इसका स्वागत किया.

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नायडू ने कहा कि यह सदस्यों के सहयोग के कारण संभव हो सका है. उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी सदन में इस तरह से कामकाज होता रहेगा. उन्होंने मंत्रियों से कहा कि वे शून्यकाल और विशेष उल्लेख के जरिये उठाए जाने मुद्दों पर गौर करें तथा जल्दी से जल्दी संबंधित सदस्यों को इसका जवाब दें. बाद में प्रश्नकाल में भी बहुत दिनों बाद ऐसा हुआ कि मौखिक प्रश्नों के लिए सूचीबद्ध सभी प्रश्नों का नंबर आ गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जिन लोगों के नाम से मौखिक प्रश्न सूचीबद्ध था, उनमें से कई लोग आज सदन में मौजूद नहीं थे.

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सभापति नायडू ने इस पर सदस्यों को सुझाव दिया कि मौखिक प्रश्न काफी तैयारी के बाद बनाए जाते हैं, इसलिए जिन सदस्यों के सवाल हों, उन्हें सदन में प्रश्नकाल के दौरान उपस्थित रहना चाहिए. (इनपुट भाषा से)


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