
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू (फाइल फोटो)
- शून्यकाल में सभी तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए
- प्रश्नकाल में भी मौखिक प्रश्नों के लिए सूचीबद्ध सभी प्रश्नों का नंबर आया
- सभापति वेंकैया नायडू ने जताई उम्मीद, भविष्य में ऐसे ही कामकाज होता रहेगा
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।
यह भी पढ़ें : आखिर ऐसा क्या हुआ कि वेंकैया नायडू ने सांसदों से 'भीख मांगने' से बचने को कहा
नायडू ने कहा कि यह सदस्यों के सहयोग के कारण संभव हो सका है. उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में भी सदन में इस तरह से कामकाज होता रहेगा. उन्होंने मंत्रियों से कहा कि वे शून्यकाल और विशेष उल्लेख के जरिये उठाए जाने मुद्दों पर गौर करें तथा जल्दी से जल्दी संबंधित सदस्यों को इसका जवाब दें. बाद में प्रश्नकाल में भी बहुत दिनों बाद ऐसा हुआ कि मौखिक प्रश्नों के लिए सूचीबद्ध सभी प्रश्नों का नंबर आ गया. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि जिन लोगों के नाम से मौखिक प्रश्न सूचीबद्ध था, उनमें से कई लोग आज सदन में मौजूद नहीं थे.
VIDEO : राज्यसभा में तीन तलाक बिल की राह नहीं आसान
सभापति नायडू ने इस पर सदस्यों को सुझाव दिया कि मौखिक प्रश्न काफी तैयारी के बाद बनाए जाते हैं, इसलिए जिन सदस्यों के सवाल हों, उन्हें सदन में प्रश्नकाल के दौरान उपस्थित रहना चाहिए. (इनपुट भाषा से)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं