नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की और उपराज्यपाल नजीब जंग की शिकायत की। हालांकि गृह मंत्रालय इस मामले में उप राज्यपाल के साथ ही दिख रहा है।
अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जिस तेज़ी से राजनाथ सिंह से मिलने पहुंचे, उसी तेज़ी से निकल भी गए, बस ये बताते हुए कि बैठक से ज्यादा कुछ नहीं निकला। सिसोदिया ने कहा, "हर मुद्दे पर बात हुई, पर हल नहीं निकला।" खुद केजरीवाल इस मीटिंग को 'रूटीन' बताते हुए अपनी गाड़ी में बैठ गए।
वैसे नॉर्थ ब्लॉक में राजनाथ सिंह के साथ ये बैठक करीब एक घंटे चली। मूल मुद्दा ट्रांसफ़र-पोस्टिंग के हक़ का था। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव भी मौजूद रहे। गृह मंत्रालय के मुताबिक गृह मंत्री ने उन्हें एलजी के साथ मिलकर चलने की सलाह दी और कहा कि हमेशा टकराव की मुद्रा में न रहें। गृह मंत्रालय जीएनसीटी एक्ट के तहत ही क़ायदे बनाता है और अगर केजरीवाल नहीं मानते, तो अदालत के फ़ैसले का इंतज़ार कर सकते हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि केजरीवाल को अपने फ़ैसलों में एलजी को साथ लेना चाहिए, क्योंकि वो प्रशासकीय प्रमुख हैं।
इधर, कांग्रेस और बीजेपी दोनों 'आप' सरकार की आलोचना कर रही हैं। दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय कहते हैं, "वादे तो बड़े-बड़े किए, जब निभाने का वक़्त आया, तो छोटी-छोटी बातों में लड़ाई कर रहे हैं, वो भी अपने अफसरों के साथ, लेफ्टिनेंट गवर्नर के साथ।"
कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा, "समझ नहीं आ रहा कि ये सरकार क्या कर रही है। दिल्ली में बिजली के दाम बढ़ रहे हैं और सरकार अफसरों से लड़ रही है।" मगर 'आप' के तेवर बताते हैं कि फिलहाल ये टकराव बना रहेगा, क्योंकि 'आप' हो या केंद्र दोनों लोगों की समस्याओं को कम, राजनीति को ज्यादा अहमियत दे रहे हैं।