यह ख़बर 22 जुलाई, 2013 को प्रकाशित हुई थी

राजनाथ ने दिया संकेत : मोदी ही होंगे पीएम पद के उम्मीदवार

खास बातें

  • खुद को प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर बताते हुए भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने आज एक प्रकार से स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि यदि वर्ष 2014 के आम चुनाव के बाद भाजपा सत्ता में आती है तो नरेंद्र मोदी शीर्ष पद के उम्मीदवार होंगे।
न्यूयॉर्क:

खुद को प्रधानमंत्री पद की दौड़ से बाहर बताते हुए भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने आज एक प्रकार से स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि यदि वर्ष 2014 के आम चुनाव के बाद भाजपा सत्ता में आती है तो नरेंद्र मोदी शीर्ष पद के उम्मीदवार होंगे।

राजनाथ सिंह ने यह भी दावा किया कि चुनाव के नजदीक आने और चुनाव के बाद भी और अधिक सहयोगी पार्टी में आएंगे। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि भाजपा के चुनाव प्रचार अभियान में राम जन्मभूमि विवाद के बजाय विकासात्मक मुद्दे अधिक महत्वपूर्ण होंगे।

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, यह आवश्यक नहीं है कि पार्टी अध्यक्ष में भीड़ जुटाने की भी क्षमता होनी चाहिए और वही प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार भी होना चाहिए। पार्टी का काम करने के लिए मेरे पास जिम्मेदारी है। मुझे काम करना है और वह काम है.. वर्ष 2014 के चुनाव में पार्टी की जीत।

न्यूयॉर्क और वाशिंगटन की अपनी पांच दिवसीय यात्रा की शुरुआत करते हुए राजनाथ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, चुनाव से सात महीने पहले, मैंने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को पार्टी की चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया। इसमें अनोखी बात क्या है ? हमने मोदी को वैसे ही नियुक्त किया है जैसे और पार्टियां नियुक्त करती हैं। इसके मायने क्यों निकाले जा रहे हैं। मैंने उनकी छवि, लोकप्रियता और पार्टी के प्रति प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए प्रचार प्रमुख नामित किया है। यह पूछे जाने पर कि ये सभी संकेत क्या मोदी के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार होने का इशारा करते हैं, राजनाथ सिंह ने कहा, मुख्यमंत्री निसंदेह इस समय भारत के सर्वाधिक लोकप्रिय और कद्दावर नेता हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा, वह न केवल गुजरात में भीड़ के बीच लोकप्रिय हैं बल्कि तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में भी। उत्तर से लेकर दक्षिण तक, पूर्व से पश्चिम तक। राष्ट्रीय दमखम वाले वही एकमात्र नेता हैं। उनकी लोकप्रियता चुनाव में पार्टी की मदद करेगी। पार्टी अध्यक्ष को लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं किए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमेशा ऐसा नहीं होता।

उन्होंने कहा, मेरी रुचि खुद के पार्टी अध्यक्ष रहने के दौरान भाजपा को केंद्र की सत्ता में वापस लाने और भ्रष्टाचार में डूबे कांग्रेस के कुशासन का बोरिया बिस्तर समेटने की है। चुनावी वायदों के सवाल पर उन्होंने कहा कि भाजपा राम जन्मभूमि मुद्दे के बजाय विकासात्मक बहस को बढ़ाएगी। उन्होंने साथ ही कहा, राम मंदिर कभी भी बड़ा चुनावी मुद्दा नहीं रहा। बहुत अधिक कहें तो यह एक राष्ट्रीय मुद्दा है, लेकिन चुनावी मुद्दा नहीं। राजनाथ पार्टी सांसद अनंत कुमार और पार्टी नेताओं विजय जौली और सुधांशु त्रिवेदी के साथ अमेरिका गए हैं। सिंह मंगलवार को वाशिंगटन में एक सम्मेलन में भारत, अफगानिस्तान और क्षेत्रीय सुरक्षा पर अपना महत्वपूर्ण भाषण देंगे।

उन्होंने कहा कि कार्य प्रदर्शन वाली राजग सरकार और भ्रष्टाचार से पीड़ित निकम्मी कांग्रेस की अगुवाई वाली संप्रग सरकार के कार्य प्रदर्शन में तुलना करके भारत की जनता को यह अहसास हो चुका है कि भाजपा एकमात्र समाधान है।

राजनाथ सिंह ने कहा कि गुजरात , मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ जैसे भाजपा शासित कई राज्यों का कार्य प्रदर्शन जनता देख रही है कि यदि ये राज्य कई कांग्रेस शासित राज्य सरकारों के खराब प्रदर्शन और उद्योगों की खराब हालत के मुकाबले, 24 घंटे बिजली और स्वच्छ तथा प्रभावी प्रशासन उपलब्ध करा सकते हैं तो लोग किसको तरजीह देंगे। लोग अपना मन बना चुके हैं।

वर्ष 2014 में राष्ट्रीय चुनाव का सामना करने के लिए भाजपा द्वारा उठाए गए कदमों का ब्यौरा देते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी ने प्रत्येक बूथ पर चुनाव बूथ समितियों का गठन कर संगठनात्मक स्तर पर बदलाव किए हैं ।

उन्होंने कहा, भारतीय मतदाताओं को अब यह अहसास हो गया है कि केंद्र पांच फीसदी विकास दर की गारंटी नहीं दे सकता जबकि गुजरात, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में करीब दस फीसदी विकास दर है। कोई भी अब अधिक समय तक भारतीय मतदाताओं को बेवकूफ नहीं बना सकता।

कर्नाटक में पार्टी की हालिया हार तथा कई अन्य राज्यों में लगे झटके के बारे में भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा चुनाव और निकाय चुनाव संसदीय चुनावों से अलग होते हैं, जहां लोग स्थिर सरकार के लिए मतदान करते हैं।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस जल्द ही सत्ता से बेदखल हो जाएगी।

राजनाथ सिंह ने कहा, हमें विश्वास है कि कांग्रेस सरकार की विफलता से भाजपा को केंद्र में सत्ता में लौटने में मदद मिलेगी। सत्ता में आने की इच्छुक किसी भी पार्टी को स्वच्छ प्रशासन देना चाहिए और लोगों की जरूरतों को पूरा करना चाहिए। यदि वे इसमें विफल हो जाते हैं तो वे सत्ता से बाहर हो जाएंगे।
 
सहयोगी दलों के भाजपा छोड़कर जाने के सवाल पर राजनाथ सिंह ने कहा कि भाजपा लोकसभा चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल करने का प्रयास करेगी लेकिन उसके साथ ही अपने नए और पुराने सहयोगियों को नहीं भूलेगी। उन्होंने कहा, स्पष्ट बहुमत मिलने की उम्मीद के बावजूद हम चाहते हैं कि केंद्र में सरकार में हमारे सहयोगी भागीदारी करें। अब हमारे पास शिवसेना और शिरोमणि अकाली दल हैं तथा चुनाव के करीब आने पर कुछ और पास आ सकते हैं। यदि जरूरत पड़ती है तो चुनाव के बाद भी समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन की संभावना है। पार्टी अध्यक्ष ने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में तेलंगाना मुद्दे पर अस्पष्टता को लेकर कांग्रेस का आंध्र प्रदेश में सफाया हो जाएगा। भाजपा एकमात्र ऐसी राष्ट्रीय पार्टी है, जो पृथक तेलंगाना का समर्थन करती है और हमारी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में इस संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया गया है ।

उन्होंने कहा कि इस मामले में भाजपा में कांग्रेस की तरह कोई अस्पष्टता नहीं है और भाजपा तेलंगाना के पक्ष में है, लेकिन पार्टी उत्तर प्रदेश या अन्य प्रदेशों के बंटवारे का समर्थन नहीं करती, क्योंकि तेलंगाना मुद्दा एकदम अलग मुद्दा है।

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उनहेंने कहा, भाजपा सरकार, कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच के लिए एक जांच आयोग गठित करने पर विचार करेगी तथा जनता के हितों को सर्वोपरि रखते हुए पारदर्शी और ईमानदार सरकार देगी। भाजपा महासचिव तथा संसद की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष अनंत कुमार ने कहा कि चार सदस्यीय भाजपा प्रतिनिधिमंडल अमेरिकी सीनेट तथा प्रतिनिधि सभा के सदस्यों से मुलाकात करेगा।