भारत-चीन सीमा विवाद (India China Border Tension) पर शुक्रवार को रूस में हुई रक्षा मंत्रियों की बैठक को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय की ओर से शनिवार को बयान जारी किया गया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के रक्षा मंत्री से कहा कि जल्द से जल्द शांति बहाली के लिए बातचीत जारी रखनी चाहिए. रक्षा मंत्री कार्यालय ने ट्वीट में बताया, "रक्षा मंत्री ने कहा कि LAC पर जल्द से जल्द पूरी तरह से शांति बहाल करने और तनाव को कम करने के लिए दोनों पक्षों को राजनयिक और सैन्य माध्यमों के जरिये बातचीत जारी रखनी चाहिए.
रक्षा मंत्री कार्यालय की ओर से बैठक को लेकर कई ट्वीट किए गए हैं. रक्षा मंत्री कार्यलाय ने ट्वीट में लिखा, "मौजूदा परिस्थिति को जिम्मेदाराना ढंग से हल किया जाना चाहिए और दोनों पक्षों में किसी को भी कोई ऐसी कार्रवाई नहीं करनी चाहिए, जिससे बॉर्डर के इलाकों में हालात और खराब हो या तनाव बढ़े."
Raksha Mantri conveyed that the two sides should continue their discussions, including through diplomatic and military channels, to ensure complete disengagement and de-escalation and full restoration of peace and tranquillity along the LAC at the earliest.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 5, 2020
रक्षा मंत्री ने सलाह दी है कि चीनी सेना पेंगोंग लेक इलाके से जल्द से जल्द पीछे हटे. मौजूदा हालात को जिम्मेदारी के साथ हल करने की जरूरत है. कोई पक्ष ऐसा कदम ना उठाये कि हालात बॉर्डर पर और बिगड़ जाए.
RM further said that the current situation should be handled responsibly and that neither side should take any further action that could either complicate the situation or escalate matters in the border areas.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 5, 2020
बयान में कहा गया है कि दोनो देश बातचीत से मामले को सुलझाने के पक्षधर हैं. चीनी रक्षा मंत्री ने भी मामले को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की बात की है. संबधो को बेहतर बनाने के लिये सीमा पर शांति और पारदर्शिता बनाये रखना जरूरी है.
RM advised that it was important therefore that Chinese side should work with the Indian side for complete disengagement at the earliest from all friction areas including Pangong Lake as well as de-escalation in border areas in accordance with the bilateral agreements & protocols
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 5, 2020
रक्षा मंत्री कार्यालय ने बयान में कहा, "रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले कुछ महीनों में गलवान घाटी सहित वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) में हुए घटनाक्रमों पर भारत के पक्ष को स्पष्ट रूप से रखा."
RM stated clearly that while the Indian troops had always taken a very responsible approach towards border management, but at the same time there should also be no doubt about our determination to protect India's sovereignty and territorial integrity.
— रक्षा मंत्री कार्यालय/ RMO India (@DefenceMinIndia) September 5, 2020
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी सेना की कार्रवाई, जिसमें बड़ी संख्या में सैनिकों को एकत्र करना, आक्रामक रवैया और यथास्थिति को बदलने का एकतरफा प्रयास शामिल है, द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन है. बैठक के दौरान, रक्षा मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि भारतीय जवान सीमा प्रबंधन को लेकर हमेशा जिम्मेदाराना रुख अपनाता रहे हैं. साथ ही भारत अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा को लेकर भी दृढ़ संकल्पित है.
इससे पहले, दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक के बाद चीन की ओर से बयान आया था. चीनी सरकार ने बयान में आरोप लगाया है कि लद्दाख (Ladakh) में तनाव बढ़ाने के लिए भारत "पूरी तरह" से जिम्मेदार है. साथ ही बयान में चेतावनी भरे लहजे ंमें कहा गया है कि चीन अपनी एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेगा.
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