पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी एजी पेरारीवलन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. दोनों को दो हफ्ते में जवाब देना है. पेरारीवलन ने अपनी याचिका में अपनी उम्रकैद की सजा को निलंबित करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि जब तक मल्टी डिस्पेलनरी एजेंसी की जांच पूरी नहीं होती उनकी सजा निलंबित की जाए. ये एजेंसी 1998 में जस्टिस जैन कमिशन की सिफारिश के आधार पर बनी थी. पेरारीवलन के वकील ने कहा कि वो 26 साल से जेल में है और उन्हें 9 वोल्ट की दो बैटरी सप्लाई के लिए दोषी करार दिया गया था जिससे बम बनाकर राजीव गांधी की हत्या कर दी गई.
उन्होंने सीबीआई के एसपी त्यागराजन के हलफनामे का हवाला दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि पेरारीवलन से बैटरी सप्लाई के बारे में सवाल नहीं किए. MDMA भी अब तक उस शख्स से पूछताछ नहीं कर पाई है जिसने बम बनाया था और वो श्रीलंका में है.
राजीव गांधी की हत्या के लिए मानव बम बनाने की साजिश को लेकर सीबीआई की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि राजीव गांधी की हत्या के लिए मानव बम बनाने की साजिश का केस क्या फिर से खोला गया? मानव बम बनाने की साजिश के केस का क्या नतीजा निकला? सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से मामले की आगे की जांच के लिए चार हफ्ते में सील कवर में स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी.
वही इससे पहले राजीव गांधी हत्याकांड में सजायाफ्ता पेरारीवलन की जैन कमीशन के आधार पर आगे की जांच की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से सवाल किए थे. कोर्ट ने पूछा है कि सीबीआई बताए कि इस मामले की आगे की जांच कब तक पूरी हो सकती है? साथ ही यह भी बताए कि इस केस में फरार आरोपियों के प्रत्यर्पण समेत क्या-क्या कानूनी अड़चनें आ रही हैं? इसके अलावा कोर्ट ने पूछा कि सीबीआई ने इन अड़चनों के लिए क्या कदम उठाए हैं?
सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से बताया गया कि इस मामले की जांच चल रही है, लेकिन यह नहीं बताया जा सकता कि केस की जांच में कितना वक्त लगेगा. इस मामले में फरार आरोपियों के प्रत्यर्पण में भी वक्त लग रहा है. जब तक इन आरोपियों को वापस नहीं लाया जाएगा जांच पूरी नहीं हो सकती.
राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी पेरारीवलन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हत्याकांड की आगे जांच के आदेश देने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि जैन कमीशन की सिफारिश के आधार पर मामले की आगे जांच के लिए सीबीआई की देखरेख में मल्टी डिस्पलेनेरी मॉनिटरिंग अथॉरिटी बनाई गई थी. लेकिन 18 साल बीत जाने पर भी जांच आगे नहीं बढ़ी.
दरअसल राजीव गांधी हत्याकांड में दो मामले दर्ज किए गए थे. एक केस में मुरगन, नलिनी, पेरारीवलन समेत सात लोगों को सजा हो चुकी है. वे उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. दूसरे केस में लिट्टे चीफ प्रभाकरण, अकीला और पुट्टूअम्मन समेत 11 लोगों को साजिश का आरोपी बनाया गया था. इनमें से सबकी मौत हो चुकी है.
उन्होंने सीबीआई के एसपी त्यागराजन के हलफनामे का हवाला दिया है जिसमें उन्होंने कहा था कि पेरारीवलन से बैटरी सप्लाई के बारे में सवाल नहीं किए. MDMA भी अब तक उस शख्स से पूछताछ नहीं कर पाई है जिसने बम बनाया था और वो श्रीलंका में है.
राजीव गांधी की हत्या के लिए मानव बम बनाने की साजिश को लेकर सीबीआई की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि राजीव गांधी की हत्या के लिए मानव बम बनाने की साजिश का केस क्या फिर से खोला गया? मानव बम बनाने की साजिश के केस का क्या नतीजा निकला? सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से मामले की आगे की जांच के लिए चार हफ्ते में सील कवर में स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी.
वही इससे पहले राजीव गांधी हत्याकांड में सजायाफ्ता पेरारीवलन की जैन कमीशन के आधार पर आगे की जांच की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से सवाल किए थे. कोर्ट ने पूछा है कि सीबीआई बताए कि इस मामले की आगे की जांच कब तक पूरी हो सकती है? साथ ही यह भी बताए कि इस केस में फरार आरोपियों के प्रत्यर्पण समेत क्या-क्या कानूनी अड़चनें आ रही हैं? इसके अलावा कोर्ट ने पूछा कि सीबीआई ने इन अड़चनों के लिए क्या कदम उठाए हैं?
सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से बताया गया कि इस मामले की जांच चल रही है, लेकिन यह नहीं बताया जा सकता कि केस की जांच में कितना वक्त लगेगा. इस मामले में फरार आरोपियों के प्रत्यर्पण में भी वक्त लग रहा है. जब तक इन आरोपियों को वापस नहीं लाया जाएगा जांच पूरी नहीं हो सकती.
राजीव गांधी हत्याकांड के दोषी पेरारीवलन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हत्याकांड की आगे जांच के आदेश देने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि जैन कमीशन की सिफारिश के आधार पर मामले की आगे जांच के लिए सीबीआई की देखरेख में मल्टी डिस्पलेनेरी मॉनिटरिंग अथॉरिटी बनाई गई थी. लेकिन 18 साल बीत जाने पर भी जांच आगे नहीं बढ़ी.
दरअसल राजीव गांधी हत्याकांड में दो मामले दर्ज किए गए थे. एक केस में मुरगन, नलिनी, पेरारीवलन समेत सात लोगों को सजा हो चुकी है. वे उम्रकैद की सजा काट रहे हैं. दूसरे केस में लिट्टे चीफ प्रभाकरण, अकीला और पुट्टूअम्मन समेत 11 लोगों को साजिश का आरोपी बनाया गया था. इनमें से सबकी मौत हो चुकी है.
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