जोधपुर:
नाबालिग से बलात्कार के मामले में जोधपुर पुलिस ने आसाराम बापू को समन जारी किया है। वहीं, पुलिस ने आसाराम पर लगे बलात्कार की धाराओं को हटा लिया है। बताया जा रहा है कि लड़की मेडिकल रिपोर्ट में भी बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई थी।
कहा यह भी जा रहा है कि दिल्ली पुलिस की दी गई शिकायत में भी पीड़ित नाबालिग लड़की ने बलात्कार की बात नहीं कही थी।
इधर, आसाराम पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लड़की ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि उसे इस स्यवंभू बाबा ने घटना के बारे में मुंह नहीं खोलने की धमकी दी थी।
पुलिस के अनुसार इस लड़की ने कहा कि बीते 15 अगस्त की रात उसे मनाई आश्रम में आसाराम के कमरे में एक कथित रस्म को निभाने के लिए ले जाया गया। कमरे में आसाराम और लड़की के अलावा कोई नहीं था।
डीसीपी अजय पाल लांबा ने लड़की के बयान का हवाला देते हुए कहा, ‘आसाराम की धमकी से डरी होने के कारण लड़की ने यौन उत्पीड़न की घटना के तत्काल बाद जुबान नहीं खोली। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर स्थित अपने घर पहुंचने के बाद उसने इस मामले का खुलासा किया।’ उन्होंने कहा, ‘इसके बाद लड़की के मां-बाप ने 19 अगस्त को दिल्ली में आसाराम से मुलाकात करनी चाही, लेकिन उन्होंने मिलने से मना कर दिया। फिर लड़की के मां-बाप ने दिल्ली पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई।’ पुलिस ने कहा कि मनाई आश्रम में घटना वाली रात आसराम और लड़की मौजूद थे।
लांबा ने कहा, ‘अब तब की जांच से पर हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि आरोपों में दम है। अब हमने आसाराम को जोधपुर पुलिस के समक्ष उपस्थित होने के लिए सम्मन किया है।’
आसाराम को यह समन अहमदाबाद के आश्रम में भेजा गया है। आसाराम पर एक लड़की ने बलात्कार के आरोप लगाए थे। ये मामला दिल्ली में दर्ज हुआ था जिसके बाद उसे जोधपुर भेज दिया गया था। आसाराम ने खुद को निर्दोष बताया है।
आसाराम शनिवार को ‘एकांतवास’ के लिए इंदौर पहुंचे। जोधपुर के आश्रम में यौन उत्पीड़न किए जाने का 16 वर्षीय द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद आसाराम के खिलाफ इस संबंध में एक मामला दर्ज किया गया था। उनके प्रवक्ता ने इस आरोप का खंडन किया है।
पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान उन्होंने पाया कि लड़की जोधपुर के मनाई आश्रम में एक धार्मिक कृत्य के लिए आसाराम से मिलने की इच्छुक नहीं थी लेकिन उसके माता-पिता ने उसके वहां जाने पर जोर दिया था। उसके माता-पिता भी आसाराम के भक्त हैं।
डीसीपी (पश्चिम) अजय पाल लांबा ने कहा, ‘उसने छिंदवाड़ा में अपने गुरुकूल में उल्टी और चक्कर आने की शिकायत की थी। उसके बाद उसके माता-पिता को सूचित किया गया था और गुरुकुल के सेवादारों ने बताया कि उसकी हालत गंभीर है और उसे किसी बुरी आत्मा ने अपने कब्जे में ले लिया है।’
कहा यह भी जा रहा है कि दिल्ली पुलिस की दी गई शिकायत में भी पीड़ित नाबालिग लड़की ने बलात्कार की बात नहीं कही थी।
इधर, आसाराम पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली लड़की ने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि उसे इस स्यवंभू बाबा ने घटना के बारे में मुंह नहीं खोलने की धमकी दी थी।
पुलिस के अनुसार इस लड़की ने कहा कि बीते 15 अगस्त की रात उसे मनाई आश्रम में आसाराम के कमरे में एक कथित रस्म को निभाने के लिए ले जाया गया। कमरे में आसाराम और लड़की के अलावा कोई नहीं था।
डीसीपी अजय पाल लांबा ने लड़की के बयान का हवाला देते हुए कहा, ‘आसाराम की धमकी से डरी होने के कारण लड़की ने यौन उत्पीड़न की घटना के तत्काल बाद जुबान नहीं खोली। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर स्थित अपने घर पहुंचने के बाद उसने इस मामले का खुलासा किया।’ उन्होंने कहा, ‘इसके बाद लड़की के मां-बाप ने 19 अगस्त को दिल्ली में आसाराम से मुलाकात करनी चाही, लेकिन उन्होंने मिलने से मना कर दिया। फिर लड़की के मां-बाप ने दिल्ली पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई।’ पुलिस ने कहा कि मनाई आश्रम में घटना वाली रात आसराम और लड़की मौजूद थे।
लांबा ने कहा, ‘अब तब की जांच से पर हम इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि आरोपों में दम है। अब हमने आसाराम को जोधपुर पुलिस के समक्ष उपस्थित होने के लिए सम्मन किया है।’
आसाराम को यह समन अहमदाबाद के आश्रम में भेजा गया है। आसाराम पर एक लड़की ने बलात्कार के आरोप लगाए थे। ये मामला दिल्ली में दर्ज हुआ था जिसके बाद उसे जोधपुर भेज दिया गया था। आसाराम ने खुद को निर्दोष बताया है।
आसाराम शनिवार को ‘एकांतवास’ के लिए इंदौर पहुंचे। जोधपुर के आश्रम में यौन उत्पीड़न किए जाने का 16 वर्षीय द्वारा आरोप लगाए जाने के बाद आसाराम के खिलाफ इस संबंध में एक मामला दर्ज किया गया था। उनके प्रवक्ता ने इस आरोप का खंडन किया है।
पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान उन्होंने पाया कि लड़की जोधपुर के मनाई आश्रम में एक धार्मिक कृत्य के लिए आसाराम से मिलने की इच्छुक नहीं थी लेकिन उसके माता-पिता ने उसके वहां जाने पर जोर दिया था। उसके माता-पिता भी आसाराम के भक्त हैं।
डीसीपी (पश्चिम) अजय पाल लांबा ने कहा, ‘उसने छिंदवाड़ा में अपने गुरुकूल में उल्टी और चक्कर आने की शिकायत की थी। उसके बाद उसके माता-पिता को सूचित किया गया था और गुरुकुल के सेवादारों ने बताया कि उसकी हालत गंभीर है और उसे किसी बुरी आत्मा ने अपने कब्जे में ले लिया है।’
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