राजस्थान : एक फैसला जो अशोक गहलोत सरकार को कर सकता है मजबूत, 7 प्वाइंट में समझिए

राजस्थान सीएम अशोक गहलोत और उनकी सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट के बीच जारी घमासान पर आज हाईकोर्ट अपना फैसला सुना सकता है. कांग्रेस के व्हिप प्रमुख की शिकायत के बाद विधानसभा अध्यक्ष के ओर से सचिन पायलट और 18 विधायकों को भेजे गए नोटिस पर आज हाईकोर्ट फैसला सुना सकता है.

राजस्थान : एक फैसला जो अशोक गहलोत सरकार को कर सकता है मजबूत, 7 प्वाइंट में समझिए

राजस्थान हाईकोर्ट आज सचिन पायलट के मामले में फैसला सुना सकता है.

नई दिल्ली : राजस्थान सीएम अशोक गहलोत और उनकी सरकार में उप मुख्यमंत्री रहे सचिन पायलट के बीच जारी घमासान पर आज हाईकोर्ट अपना फैसला सुना सकता है. कांग्रेस के व्हिप प्रमुख की शिकायत के बाद विधानसभा अध्यक्ष के ओर से सचिन पायलट और 18 विधायकों को भेजे गए नोटिस पर आज हाईकोर्ट फैसला सुना सकता है. इस नोटिस में पूछा गया था कि पार्टी का उल्लंघन करते हुए विधायक दल की बैठक में न आने पर दल-बदल विरोधी कानून के तहत विधानसभा की सदस्यता क्यों न रद्द की जाए. इस नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में बागी विधायकों की दलील है कि विधानसभा सत्र नहीं चल रहा है इसलिए ऐसा नोटिस भेजना विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. यह पार्टी का आंतरिक मामला है. विधायकों की बैठक में न आना विधायकों के 'फ्री स्पीच' (बोलने की स्वतंत्रता ) के अधिकार का हनन है. फिलहाल इस राजस्थान के राजनीतिक घमासान में विधायकों की संख्या को लेकर जो खींचतान चल रही है इसमें तीन में से एक ही ऐसी संभावना है जिसमें अशोक गहलोत की सरकार के पास ठीक-ठाक बहुमत हो सकता है.

3 में से 1 ही संभावित रास्ता जो कांग्रेस सरकार को कर देगा मजबूूत

  1. राजस्थान में अगर सचिन पायलट सहित 18 बागी विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द हो जाती है तो गहलोत सरकार काफी मजबूत स्थिति में आ जाएगी.

  2. अभी की स्थिति से माना जा रहा है कि अशोक गहलोत के पास 101 विधायकों का समर्थन है. सचिन पायलट के पास 18 कांग्रेस के बागी और 3 निर्दलीयों का समर्थन है.  200 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 101 विधायकों की जरूरत है. 

  3. अगर सचिन पायलट के सहित बागी विधायकों की विधानसभा सदस्यता रद्द की जाती है तो विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 91 पर आ जाएगा.

  4. लेकिन अगर हाईकोर्ट आज सचिन पायलट के पक्ष में सुनाता है तो अशोक गहलोत की स्थिति विधानसभा में कमजोर हो जाएगी क्योंकि उनके पास 101 विधायकों का समर्थन माना जा रहा है और बहुमत के लिए भी 101 विधायक चाहिए. ऐसे में अगर एक भी विधायक कम हुआ तो सरकार गिरने का खतरा है. 

  5. वहीं अगर बीजेपी और उनके समर्थित पार्टियों के 75 और 22 बागी विधायकों को मिला दिया जाए तो 97 विधायक होते हैं उनमें से अगर 2 बीटीपी पार्टियों के जोड़ दिए जाएं तो यह आंकड़ा भी 99 तक पहुंच जाता है. बीटीपी खुद को राजस्थान में किंगमेकर बता रही है. 

  6. ऐसी स्थिति में कांग्रेस सरकार के लिए खतरा बढ़ जाएगा. एक भी विधायक ने अगर पाला बदला तो गहलोत सरकार ढह जाएगी. 

  7. अगर अशोक गहलोत सरकार अल्पमत में आई तो बीजेपी तभी सरकार बना सकती है जब सचिन पायलट सहित उनके 21 विधायक समर्थन दें