आगामी लोकसभा चुनावों से पहले सियासी चहलकदमी का दौर तेज हो गया है. तीन राज्यों में मिली कामयाबी के बाद कांग्रेस का मनोबल जहां बढ़ा हुआ है वहीं रुठने मनाने और नाराजगी का दौर तेज हो गया है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बिना शर्त समर्थन देने वाली समाजवादी पार्टी के मु्खिया अखिलेश यादव ने कांग्रेस के प्रति नाराजगी जताई है. अखिलेश यादव ने बड़े संकेत देते हुए कहा कि हम चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी का धन्यवाद देते हैं कि उन्होंने मध्य प्रदेश में हमारी पार्टी के विधायक को मंत्री नहीं बनाकर साफ कर दिया कि भविष्य में उत्तर प्रदेश में हमारी रणनीति क्या होगी.
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वहीं उनकी नाराजगी को कांग्रेस के नेता ज्यादा गंभीर नहीं बता रहे हैं. कांग्रेस नेता राजबब्बर का कहना है कि शिकायत सिर्फ अपनों से ही होती है, कभी बेगानों से नहीं होती है. उन्होंने कहा कि सपा और कांग्रेस का नेतृत्व इस मामले को आसानी से सुलझा लेगा. कांग्रेसी नेता ने कहा कि जनता चाह रही है कि हम सब मिलकर चुनाव लड़ें.
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गौर हो कि केसीआर देश में गैर कांग्रेसी और गैर बीजेपी गठबंधन बनाने की कवायद में जुटे हुए हैं. वह देश के क्षेत्रिय दलों के नेताओं से मुलाकात करके उन्हें एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं. इस कड़ी में केसीआर ने ममता बनर्जी और नवीन पटनायक से मुलाकात भी की हैं. अखिलेश यादव से मुलाकात का समय तय था लेकिन यह मुलाकात आज न हो सकी. अखिलेश यादव ने केसीआर से मुलाकात के लिए हैदराबाद में 6 जनवरी का समय दिया है. उन्होंने साफ कर दिया कि गैर-कांग्रेसी गठबंधन बिना सपा के सहयोग से सफल नहीं हो सकता है.
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इधर मायावती ने केसीआर से मुलाकात पर किसी भी प्रकार के संकेत नहीं दिए हैं. जिसकी वजह से उनके साथ को लेकर गैर कांग्रेस और गैर बीजेपी गठबंधन में संशय के बादल घिरे हुए हैं.
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