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This Article is From Dec 01, 2021

रेलवे को धरना प्रदर्शन से करोड़ों का नुकसान, चालू वित्त वर्ष में करीब 37 करोड़ रुपये की लगी चपत

रेलवे ने बताया कि अलग-अलग आंदोलन की वजह से बड़ी संख्या में यात्रियों ने अपनी बुकिंग कैंसिल कराई. जिसकी वजह से रेलवे को यात्रियों का किराया वापस करना पड़ा. इसके साथ ही आंदोलन की वजह से कई जगहों पर ट्रेनें कैंसिल हुईं.

रेलवे को धरना प्रदर्शन से करोड़ों का नुकसान, चालू वित्त वर्ष में करीब 37 करोड़ रुपये की लगी चपत
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में पूछे गए सवालों पर रेलवे के नुकसान की जानकारी दी.
नई दिल्ली:

हाल के दिनों में देश में हुए धरना प्रदर्शन की वजह से भारतीय रेल को भारी भरकम नुकसान झेलना पड़ा है. रेलवे के अलग-अलग जोन में करोड़ों का नुकसान हुआ है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में इस बात की जानकारी दी. रेलवे की ओर से जारी जानकारी में यह बताया गया है कि इस साल अक्टूबर तक के महीने में रेलवे के नॉर्दन जोन में 1212 धरना प्रदर्शन हुए. इस वजह से नॉर्दन रेलवे को लगभग 22,58,00000 रुपये का नुकसान हुआ है.

गौरतलब है कि देश में हाल के दिनों में हुए किसान आंदोलन का सबसे बड़ा क्षेत्र दिल्ली, पंजाब, हरियाणा रहा. इन इलाकों में बड़ी संख्या में किसानों ने प्रोटेस्ट किया जिसका असर रेलवे की आय पर पड़ा है और उसे भारी नुकसान हुआ है. रेलवे ने यह भी साफ किया है कि चालू वित्त वर्ष 2021 में अक्टूबर तक के दौरान रेलवे को जो कुछ भी अनुमानित नुकसान हुआ है उसके लिए अन्य संगठनों के आंदोलन के साथ-साथ किसान आंदोलन भी जिम्मेवार है. इसकी वजह से ट्रेनों का परिचालन काफी बाधित हुआ है.

कहां कितना नुकसान?

रेलवे की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक ईस्टर्न रेलव को 3,3400000
ईस्ट सेंट्रल को 1511602
ईस्ट कोस्टल रेलवे को  67891824
नार्थ सेंट्रल को 937951
नार्थ ईस्टर्न को  1407217
नार्थ वेस्टर्न को 11044256
दक्षिण रेलवे को 8263
साउथ ईस्टर्न को 26120609
साउथ ईस्ट सेंट्रल को 579185 का नुकसान हुआ है.

रेलवे ने बताया कि अलग-अलग आंदोलन की वजह से बड़ी संख्या में यात्रियों ने अपनी बुकिंग कैंसिल कराई. जिसकी वजह से रेलवे को यात्रियों का किराया वापस करना पड़ा. इसके साथ ही आंदोलन की वजह से कई जगहों पर ट्रेनें कैंसिल हुईं. कई ट्रेनों को शॉर्ट टाइम के लिए टर्मिनेट किया गया. रेलवे ने यह भी साफ किया है कि सेंट्रल रेलवे में 2, नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे में 28, साउथ सेंट्रल में 3, वेस्टर्न में 7 और वेस्ट सेंट्रल में 20 बार प्रदर्शन हुआ. बावजूद इसके किसी ट्रेन को रद्द या उसे रूट में बदलाव नहीं करना पड़ा, जिसकी वजह से किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ.

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