नई दिल्ली:
अमेठी के मेगा फूड पार्क पर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप फिर तेज़ हो गया है। सोमवार को अमेठी के दौरे पर गये कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना इल्ज़ाम दुहराया कि एनडीए सरकार उनसे बदला लेने के लिए किसानों को तंग कर रही है। राहुल ने आरोप लगाया कि अमेठी में मेगा फूड पार्क रद्द करने का फैसला बदले की राजनीति की वजह से लिया गया।
राहुल के आरोपों का जवाब देने के लिए एनडीए सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर को आगे किया। हरसिमरत कौर ने एक पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि अमेठी में मेगा पार्क राहुल गांधी का मेगा झूठ है और उनके आरोपों में कोई तथ्य नहीं है। हरसिमरत कौर ने कहा इस प्रोजेक्ट से जुड़ी फाइलों को देखकर लगता है कि वहां एक मेगा फूड पार्क नहीं बल्कि एक मेगा पावर प्लांट बनाने की तैयारी थी। इससे अमेठी के किसानों को कोई फायदा होने वाला नहीं था।
हरसिमरत कौर ने ये भी दावा किया कि अमेठी में फूड पार्क को रद्द करने का फैसला 30 जून 2014 को लिया गया और उससे जुड़ा आदेश एक हफ्ते के अंदर जुलाई 2014 में ही जारी कर दिया गया था। लेकिन राहुल गांधी को 10 महीने तक इसकी कोई जानकारी नहीं थे क्योंकि वो अपने संसदीय क्षेत्र की ज़रूरतों के लेकर गंभीर नहीं थे। बाद में राजनीतिक वजहों से एनडीए सरकार पर झूठे आरोप लगा रहे हैं।
बाद में एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए हरसिमरत कौर ने कहा कि अब अमेठी का मेगा फूड पार्क एक ख़त्म हो चुकी कहानी है। उन्होंने कहा, 'हमारे लिए अमेठी में मेगा फूड पार्क एक क्लोज़्ड चैप्टर है।'
उधर इस मामले में अब समाजवादी पार्टी कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर एजेंडा सेट करने का आरोप लगा रही है। पार्टी के वरिष्ठ सांसद नरेश अग्रवाल ने एनडीटीवी से कहा, 'एक राजनीतिक साज़िश के तहत ये विवाद खड़ा किया गया है। कांग्रेस और बीजेपी राजनीति का ध्रुविकरण करना चाहते हैं। 10 साल तक यूपीए सत्ता में थी। तब ये प्रोजेक्ट क्यों नहीं चालू किया गया? पहले कांग्रेस ने लोगों का विश्वास खोया। अब बीजेपी विश्वास खो रही है जबकि कांग्रेस उस विश्वास को दोबारा हासिल करने की फिराक में है।'
फिलहाल ये नज़र आ रहा है कि फूड पार्क राहुल बनाम केंद्र सरकार के बीच का ऐसा सियासी मुद्दा बन गया है जिसको दोनों अपने-अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
राहुल के आरोपों का जवाब देने के लिए एनडीए सरकार ने खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर को आगे किया। हरसिमरत कौर ने एक पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि अमेठी में मेगा पार्क राहुल गांधी का मेगा झूठ है और उनके आरोपों में कोई तथ्य नहीं है। हरसिमरत कौर ने कहा इस प्रोजेक्ट से जुड़ी फाइलों को देखकर लगता है कि वहां एक मेगा फूड पार्क नहीं बल्कि एक मेगा पावर प्लांट बनाने की तैयारी थी। इससे अमेठी के किसानों को कोई फायदा होने वाला नहीं था।
हरसिमरत कौर ने ये भी दावा किया कि अमेठी में फूड पार्क को रद्द करने का फैसला 30 जून 2014 को लिया गया और उससे जुड़ा आदेश एक हफ्ते के अंदर जुलाई 2014 में ही जारी कर दिया गया था। लेकिन राहुल गांधी को 10 महीने तक इसकी कोई जानकारी नहीं थे क्योंकि वो अपने संसदीय क्षेत्र की ज़रूरतों के लेकर गंभीर नहीं थे। बाद में राजनीतिक वजहों से एनडीए सरकार पर झूठे आरोप लगा रहे हैं।
बाद में एनडीटीवी इंडिया से बात करते हुए हरसिमरत कौर ने कहा कि अब अमेठी का मेगा फूड पार्क एक ख़त्म हो चुकी कहानी है। उन्होंने कहा, 'हमारे लिए अमेठी में मेगा फूड पार्क एक क्लोज़्ड चैप्टर है।'
उधर इस मामले में अब समाजवादी पार्टी कांग्रेस और बीजेपी दोनों पर एजेंडा सेट करने का आरोप लगा रही है। पार्टी के वरिष्ठ सांसद नरेश अग्रवाल ने एनडीटीवी से कहा, 'एक राजनीतिक साज़िश के तहत ये विवाद खड़ा किया गया है। कांग्रेस और बीजेपी राजनीति का ध्रुविकरण करना चाहते हैं। 10 साल तक यूपीए सत्ता में थी। तब ये प्रोजेक्ट क्यों नहीं चालू किया गया? पहले कांग्रेस ने लोगों का विश्वास खोया। अब बीजेपी विश्वास खो रही है जबकि कांग्रेस उस विश्वास को दोबारा हासिल करने की फिराक में है।'
फिलहाल ये नज़र आ रहा है कि फूड पार्क राहुल बनाम केंद्र सरकार के बीच का ऐसा सियासी मुद्दा बन गया है जिसको दोनों अपने-अपने पक्ष में मोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
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