कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी में रेजिडेंट डॉक्टरों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई को लेकर मोदी सरकार की खिंचाई की. रेजिडेंट डॉक्टर एनईईटी-पीजी काउंसलिंग में देरी का विरोध करने के लिए सड़कों पर उतरे थे. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्विटर पर कहा, "पीआर (जनसंपर्क) से फूलों की बारिश, वास्तव में अन्याय की बारिश हो रही है. मैं केंद्र सरकार के अत्याचार के खिलाफ कोविड वारियर्स के साथ खड़ा हूं."
कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्विटर पर कहा "कोरोना के समय में इन युवा डॉक्टरों ने अपने प्रियजनों से दूर रहकर पूरे देश के नागरिकों की मदद की. अब डॉक्टरों के साथ खड़े होने और नरेंद्र मोदी जी को जगाने का समय है, जिन्होंने उन पर पुलिस बल का इस्तेमाल किया और उनकी मांगों की अनदेखी की. डॉक्टरों को सम्मान की जरूरत है जो कि उनका अधिकार है. झूठा पीआर नहीं. ”
सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने नीट-पीजी 2021 की काउंसलिंग में हो रही देरी को लेकर सोमवार को अपना आंदोलन तेज कर दिया. उन्होंने सेंट्रल दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से सुप्रीम कोर्ट तक मार्च निकाला.
हालांकि प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोक लिया. इसके बाद हाथापाई हुई. पुलिस ने कम से कम 12 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया और बाद में छोड़ दिया. फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) पिछले कई दिनों से इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई कर रहा है.
सरकार ने पिछले साल देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों पर फूलों की पंखुड़ियों की बौछार की थी, जो कि COVID-19 महामारी से निपटने में उनके योगदान के लिए आभार व्यक्त करने के लिए थी.
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