मोदी सरकार ने इंसाफ के तराजू को उठाकर फेंक दिया है : 'किसान यात्रा' की समाप्ति पर राहुल गांधी

मोदी सरकार ने इंसाफ के तराजू को उठाकर फेंक दिया है :  'किसान यात्रा' की समाप्ति पर राहुल गांधी

खास बातें

  • यूपी में अगले वर्ष चुनाव होने हैं, अभी तक तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है
  • किसान यात्रा की शुरुआत में खाट सभा के बाद लोग खाट उठा ले गए थे
  • कांग्रेस ने शीला दीक्षित को मुख्‍यमंत्री पद का उम्‍मीदवार बनाया है
नई दिल्‍ली:

अपनी किसान यात्रा की समाप्ति पर कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. राहुल ने कहा कि देश में करोड़ों युवा बेरोजगार हैं, देश के युवा कुछ करना चाहते हैं लेकिन उनके पास रोजगार नहीं है. उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस ने 70 सालों में लोगों को इंसाफ दिया लेकिन मोदी सरकार ने इंसाफ के तराजू को उठाकर फेंक दिया. मोदी सरकार ने किसानों, बेरोजगारों से किया वादा नहीं निभाया और हिंदुस्‍तान को बांटने का काम किया है.

नेता सोचते हैं कि जो राह वह पकड़ना चाहते हैं वह  उन्‍हें पता है. पिछले 30 दिनों में किसानों ने मुझे वास्‍तविकता से रूबरू कराया. राहुल ने किसानों की दयनीय हालत के बारे में उदाहरण समेत बताया. पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा, आपने एक भारतीय को दूसरे भारतीय से लड़वाना शुरू कर दिया. इसका इस देश पर असर पड़ा है.'

अपनी 'किसान यात्रा' के दौरान राहुल गांधी को किसानों से मिलते जुलते देखा गया, जिनके बारे में उनका दावा है कि उनकी मांगें वो उद्योगपतियों की हितैषी केंद्र सरकार के सामने जोरशोर से उठा रहे हैं. किसानों के साथ उनकी खाट सभाओं का भी आयोजन किया गया था. जिसने खूब सुर्खियां भी बटोरीं. क्‍योंकि शुरुआती बैठकों में किसान बैठक के बाद खाट उठाकर अपने साथ ही ले गए थे.

राहुल गांधी ने कहा कि संसद के अगले सत्र में वह सरकार के समाने किसनों का ऋण माफ करने और बिजली के दामों में छूट दिलाने की मांग उठाएंगे.

उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष की शुरुआत में चुनाव होने हैं, हालांकि अभी तक तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है. राहुल गांधी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में पार्टी के प्रचार की कमान संभाली थी, जिसमें कांग्रेस को अपने सबसे बुरे नतीजों का सामना करना पड़ा. उसके बाद तो कांग्रेस को असम और केरल जैसे महत्वपूर्ण राज्‍यों में भी हार का मुंह देखना पड़ा, क्‍योंकि राहुल गांधी चुनाव में हार के ट्रेंड को उलट नहीं पाए.

राहुल गांधी से 3 साल छोटे अखिलेश यादव को फिर से यूपी का मुख्‍यमंत्री बनाए जाने की बात हो रही है. 2012 में चुनाव हारने वाली दलित नेता और बसपा सुप्रीमो मायावती को भी आगामी चुनावों में वापसी की पूरी उम्‍मीद है. बीजेपी एकमात्र बड़ी पार्टी है जिसने अपने मुख्‍यमंत्री पद के उम्‍मीदवार की घोषणा नहीं की है. कांग्रेस ने शीला दीक्षित को उम्‍मीदवार बनाया है जो 15 साल तक दिल्‍ली की मुख्‍यमंत्री रह चुकी हैं.


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