
आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन (फाइल फोटो).
- रघुराम राजन ने दी RBI को सलाह
- आरबीआई बोर्ड को राहुल द्रविड़ की तरह खेलना होगा
- उन्होंने कहा कि बोर्ड को सिद्धू की तरह नहीं खेलना चाहिए
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रघुराम राजन ने कहा, सरकार के लिए 'कार की सीट बेल्ट' की तरह है रिजर्व बैंक, जानिए क्या है वजह...
आरबीआई के पूर्व निदेशक विपिन मलिक ने एनडीटीवी से कहा, "सरकार का ये कहना कि आरबीआई उसे 2 लाख करोड़ या 3 लाख करोड़ दे दे ये नहीं हो सकता है. मेरी राय में में सरकार का जो बजटरी इस्टीमेट्स थे मार्केट बॉरोइंग को लेकर वो पूरा नहीं हो पा रहा है. 11 पब्लिक सेक्टर बैंक लेन्ड नहीं कर सकते हैं बाकि बैंकों में भी लिक्विडिटी की शार्टेज़ है." सरकार और आरबीआई के बीच विवाद की एक बड़ी वजह नॉन-बैंकिंग फाइनेन्स कंपनियों में कैश की कमी... और लेन्डिंग पर आरबीआई की सख्ती है.
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एसोचैम के सेक्रेटरी जनरल उदय वर्मा ने एनडीटीवी से कहा, "लिक्विडिटी का संकट एक गंभीर मुद्दा है. आरबीआई को नॉन-बैंकिंग फाइनेन्स कंपनियों के लिए एक 30,000 करोड़ से 40,000 करोड़ की लिक्विडिटी क्रेडिट लाइन मुहैया करानी चाहिये. इससे लघु और मध्यम उद्योगों में संकट से फौरी तौर पर निपटने में मदद मिलेगी." साफ है कि संकट बड़ा है और अब ये देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और आरबीआई कितनी जल्दी आपसी मसलों को सुलझाकर इस संकट से निपटने में कामयाब हो पाते हैं.
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